——– ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन अपू्रव्ड पब्लिक टेस्टिंग लेबोरेट्री गुडली के संचालक अचल अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को हिन्दुस्तान ङ्क्षजक के चंदेरिया प्लान्ट और सेनर्जी स्टील लिमिटेड एमआईए अलवर के स्टील प्लान्ट से एक-एक सिलेंडर नमूने के तौर पर मंगवाया जा रहा है। इन सिलेंडर्स को इंडियन फार्माकोपिया में मेडिकल ऑक्सीजन (ऑक्सीजन फॉर मेडिसीनल यूज) के मानकों को जांच कर देखा जाएगा कि वे इस पर खरे उतरते हैं या नहीं। इसमें ये देखा जाता है कि इसमें कार्बन मोनोक्साइड व कार्बनडाई आक्साइड की कितनी मात्रा है। इसके साथ ही ये भी देखा जाता है कि वाटर वेपर की मात्रा कितनी है। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र से आने वाली गैस के कारण इसमें हाइड्रोजन सल्फाइड जो बेहद जहरीली होती है और सल्फरडाई ऑक्साइड व नाइट्रीट ऑक्साइड है या नहीं इसे जांचा जाएगा। इसे जांचने के लिए डिटेक्टर ट्यूब आती है उसे मुम्बई से मंगवाया गया है। इसकी गुणवत्ता की जांच इंडियन फार्माकोपिया के हिसाब से सेटअप जिसे अपरेटर्स की जरूरत होती है, उसे तैयार किया है। इसमें यहां जांच की जाती है।
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हमारी भी टीम इनके साथ लगी हुई है, जो पूरा सहयोग कर रही है। इससे पहले भी जांच के लिए टीम ने हिन्दुस्तान जिंक के देबारी प्लान्ट से नमूने लेकर जांच कर इसे मेडिकल उपयोग में ओके बताया था।
हमारी भी टीम इनके साथ लगी हुई है, जो पूरा सहयोग कर रही है। इससे पहले भी जांच के लिए टीम ने हिन्दुस्तान जिंक के देबारी प्लान्ट से नमूने लेकर जांच कर इसे मेडिकल उपयोग में ओके बताया था।
ललित अजारिया, सहायक औषधि नियंत्रक उदयपुर —— गुरुवार को हमारे पास 175 सिलेंडर ऑक्सीजन निम्बाहेडा से आए थे। खाली सिलेंडर उपलब्ध नहीं होने से एक साथ नहीं भेजे जा सकते। यहां रोटेशन के लिए सिलेंडर्स रखने होते हैं। फिलहाल तो किसी प्राइवेट हॉस्पिटल को ऑक्सीजन नहीं दे रहे। दोटेंकर दरीबा से आए थे, इसमें करीब साढ़े तीन केएलडी ऑक्सीजन थी। इससे करीब 12 घंटे राहत मिल गई।
डॉ आरएल सुमन, अधीक्षक एमबी हॉस्पिटल उदयपुर