(mci)(mbbs student)
उदयपुर. मेडिकल क्षेत्र में पीजी की पढ़ाई कर रहे चिकित्सकों और फैकल्टी के लिए अब भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद ने ऑनलाइन रिसर्च मेथड कोर्स की शुरुआत की है।(mci)(mbbs student) इसे इसलिए शुरू किया गया है ताकि बायोमेडिकल साहित्य में प्रकाशित सबूतों को समझने के लिए डॉक्टरों को अनुसंधान विधियों की समझ मिल सके। इस क्षेत्र में होने वाले अनुसंधानों में कौशल प्राप्त करना देश भर के पीजी कोर्सेज के लिए बेहद जरूरी है। भारतीय चिकित्सा परिषद के बोर्ड ने देश के सभी स्नातकोत्तर छात्रों के लिए बेसिक रिसर्च मेथड में एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय किया है। इसमें फैकल्टी को प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा।(mci)(mbbs student)
उदयपुर. मेडिकल क्षेत्र में पीजी की पढ़ाई कर रहे चिकित्सकों और फैकल्टी के लिए अब भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद ने ऑनलाइन रिसर्च मेथड कोर्स की शुरुआत की है।(mci)(mbbs student) इसे इसलिए शुरू किया गया है ताकि बायोमेडिकल साहित्य में प्रकाशित सबूतों को समझने के लिए डॉक्टरों को अनुसंधान विधियों की समझ मिल सके। इस क्षेत्र में होने वाले अनुसंधानों में कौशल प्राप्त करना देश भर के पीजी कोर्सेज के लिए बेहद जरूरी है। भारतीय चिकित्सा परिषद के बोर्ड ने देश के सभी स्नातकोत्तर छात्रों के लिए बेसिक रिसर्च मेथड में एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय किया है। इसमें फैकल्टी को प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा।(mci)(mbbs student)
————- इस वर्ष से अनिवार्य:(mci)(mbbs student) – वर्ष 2019-20 से भर्ती होने वाले सभी पीजी विद्यार्थियों के लिए अनुसंधान विधियों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम अनिवार्य है। – सभी पीजी छात्रों को अपने 2 सेमेस्टर के अंत तक ऑनलाइन पाठ्यक्रम पूरा करना होगा।
– संकाय के लिए जिनके पास अनुसंधान में कोई पूर्व औपचारिक प्रशिक्षण नहीं है, यह अनुशंसा की जाती है कि वे भी इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम को पूरा करें।- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी द्वारा ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। (mci)(mbbs student) छात्रों को एनआईई पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।- पाठ्यक्रम में पंजीकरण के लिए इनबिल्ट टाइम बाउंड असाइनमेंट और आकलन के साथ 8 सप्ताह का समय दिया जाएगा। हालांकि पाठ्यक्रम पूरा होने के लिए विद्यार्थी को एक ऑनलाइन ऑफ साइट परीक्षा देनी होगी, जो वर्ष में दो बार होगी। उत्तीर्ण होने पर ऑनलाइन प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं होगा। – इस शैक्षणिक वर्ष के लिए इस पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण करने का पोर्टल 1 अगस्त को खुलेगा।
– संकाय के लिए जिनके पास अनुसंधान में कोई पूर्व औपचारिक प्रशिक्षण नहीं है, यह अनुशंसा की जाती है कि वे भी इस ऑनलाइन पाठ्यक्रम को पूरा करें।- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी द्वारा ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। (mci)(mbbs student) छात्रों को एनआईई पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।- पाठ्यक्रम में पंजीकरण के लिए इनबिल्ट टाइम बाउंड असाइनमेंट और आकलन के साथ 8 सप्ताह का समय दिया जाएगा। हालांकि पाठ्यक्रम पूरा होने के लिए विद्यार्थी को एक ऑनलाइन ऑफ साइट परीक्षा देनी होगी, जो वर्ष में दो बार होगी। उत्तीर्ण होने पर ऑनलाइन प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके लिए कोई शुल्क नहीं होगा। – इस शैक्षणिक वर्ष के लिए इस पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण करने का पोर्टल 1 अगस्त को खुलेगा।
—– एक समान शोध पद्धति की सिफारिश पीजी छात्रों और संकाय के अनुसंधान कौशल में सुधार करने के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने देश में एक समान शोध पद्धति की सिफ ारिश की थी। ऑनलाइन पाठ्यक्रम बायोमेडिकल रिसर्च में बेसिक कोर्स होगा। इसमें रिसर्च की डिजाइन, अनुसंधान अध्ययन की योजना बनाने व संचालन करने, अनुसंधान प्रोटोकॉल लिखने जैसे 23 विषयों को शामिल किया गया है। इसमें शिक्षण सामग्री में वीडियो, व्याख्यानमालाएं व स्लाइड ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। सभी 23 विषयों में से प्रत्येक में 10 बहुविकल्पीय प्रश्नों वाले ऑनलाइन असाइनमेंट होंगे। कुल 230 में से 50 हल करने अनिवार्य होंगे। देश भर के चुनिंदा शहरों में तय केंद्रों पर 3 घंटे की परीक्षा होगी। परीक्षा शनिवार व रविवार को होगी, पंजीयन के बाद इसकी जानकारी तय लॉगिन पर उपलब्ध होगी। —-ये है पाठयक्र म समन्वय समिति: – एमएएमसी नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ सिद्धार्थ रामजी- केजीएमसी लखनऊ की निदेशक डॉ शाली अवस्थी – के डॉ एम जीएम शंकर – एम्स नई दिल्ली से डॉ मनोज वी मुहेकर
— ये रिसर्च मैथेडॉलोजी दो माह की होगी। यह अनिवार्य कर दिया गया है, इसमें जो-जो भी अनुसंधान होते हैं, इसके बारे में पढाया जाएगा, विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे, ताकि हर प्रकार के विषय स्पष्ट हो जाए। डॉ डीपी सिंह, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर
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