मेज पर बिखरी दवाइयां व कागज
वार्ड 301 में पत्रिका टीम पहुंची तो देखा कि रेजिडेंट्स की मेज पर मरीजों के टिकिट्स और दवाइयां बिखरी पड़ी थी। पूछने पर नर्सिंग स्टाफ ने केवल इतना बताया कि अभी गए है, कुछ देर में आ जाएंगे। इसी प्रकार एक अन्य वार्ड में ना कोई रेजिडे्ंटस मिले और ना ही कोई नर्सिंगकर्मी।
वार्ड 301 में पत्रिका टीम पहुंची तो देखा कि रेजिडेंट्स की मेज पर मरीजों के टिकिट्स और दवाइयां बिखरी पड़ी थी। पूछने पर नर्सिंग स्टाफ ने केवल इतना बताया कि अभी गए है, कुछ देर में आ जाएंगे। इसी प्रकार एक अन्य वार्ड में ना कोई रेजिडे्ंटस मिले और ना ही कोई नर्सिंगकर्मी।
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वार्डो में नियमित नहीं बदलती चादरें विभिन्न वार्डों में टीम ने कुछ मरीजों से बातचीत की तो पता चला कि उनके बिस्तरों की चादरें नहीं बदली गई हैं। हालांकि, अधिकांश वार्डों में सफाई व्यवस्था अपेक्षाकृत बेहतर मिली। मरीजों से पूछने पर उन्होंने बताया कि जब चादर बिल्कुल गंदी हो जाती है तो आकर बदलते हैं। इधर, टीम जब बाल चिकित्सालय पहुंची तो धुली चादरें लेकर एक कार्मिक जरूर अन्दर प्रवेश करता दिखा।
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वार्डो में नियमित नहीं बदलती चादरें विभिन्न वार्डों में टीम ने कुछ मरीजों से बातचीत की तो पता चला कि उनके बिस्तरों की चादरें नहीं बदली गई हैं। हालांकि, अधिकांश वार्डों में सफाई व्यवस्था अपेक्षाकृत बेहतर मिली। मरीजों से पूछने पर उन्होंने बताया कि जब चादर बिल्कुल गंदी हो जाती है तो आकर बदलते हैं। इधर, टीम जब बाल चिकित्सालय पहुंची तो धुली चादरें लेकर एक कार्मिक जरूर अन्दर प्रवेश करता दिखा।
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ऐसा होना नहीं चाहिए। राउण्ड द क्लॉक सबकी नियमित ड्यूटी रहती है। हो सकता है लंच के समय कोई कुछ देर के लिए गया हो फिर भी जानकारी लेते हैं। हालांकि, रेजिडे्ंटस को रहना ही होता है।
– डॉ.आरएल सुमन, विभागाध्यक्ष, बाल चिकित्सालय, उदयपुर।