scriptइस अस्पताल का नाम सुनते ही मुंह छि‍पा रहे अफसर | Officers hiding their mouths after hearing the name of this hospital | Patrika News

इस अस्पताल का नाम सुनते ही मुंह छि‍पा रहे अफसर

locationउदयपुरPublished: Sep 16, 2019 11:31:14 am

Submitted by:

Pankaj

डॉक्टर बोले-‘कोई नहीं सुन रहा’, एक्सइएन बोले- ‘किसी ने बताया ही नहीं’, पूरा अस्पताल पानी-पानी, मरीज आते नहीं, दवाएं बचाने में जुटा स्टाफ, एक साल पहले डाली गई छत का बुरा हाल

इस अस्पताल का नाम सुनते ही मुंह छीपा रहे अफसर

इस अस्पताल का नाम सुनते ही मुंह छीपा रहे अफसर

मुकेश पुरोहित/फलासिया . फलासिया का सोम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र। बरसात शुरू होने से अभी तक पूरा भवन पानी-पानी हो रहा है। अस्पताल में मरीज तो दूर स्टाफ के बैठने की जगह भी नहीं बची। मरीजों ने यहां आना ही छोड़ दिया। कर्मचारी भी जैसे-तैसे दवाएं और चिकित्सा के उपकरण आदि बचाने में जुटे हैं। बड़ी बात ये कि अस्पताल भवन की छत पिछले साल ही डाली गई थी। छत डलने के बाद यह बरसात का पहला ही मौसम था, जिसमें घटिया निर्माण की परतें उगड़ती नजर आ रही है। हालात ये हो गए है कि सोम पीएचसी का नाम सुनते ही जिम्मेदार अफसरों की बोलती बंद हो रही है।
लापरवाही और भ्रष्टाचार की बानगी देखिए कि सोम का अस्पताल भवन बना और उसके बाद दो बार ऑपरेशन हो गया, लेकिन हालात खराब ही रहे। आमतौर पर किसी भी भवन की मियाद 30 साल मानी जाती है। जबकि सोम पीएचसी भवन 19 साल में ही जवाब दे गया। लिहाजा दो साल पहले छत की मरम्मत करवाई गई। उससे भी बात नहीं बनी तो आखिर पिछले साल छत ही नई डाली गई। इसमें भी भ्रष्टाचार की जीती जागती तस्वीर दिख रही है। नई छत डलने के बाद पहली ही बार बरसात का मौसम आया है और पूरी छत टपक रही है। ऐसे हालातों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी जानकारी नहीं होना बता रहे हैं। ऐसे में ठेकेदार पर कार्रवाई होना तो दूर की बात हो गई है।
दवाओं को बचाना मुश्किल
बरसात शुरू होने के पीएचसी सोम भवन के सभी कमरों में पानी टपकने लगा। नि:शुल्क दवा केन्द्र पर रखी दवाएं खराब होने लगी है। तिरपाल ढककर दवाओं को बचाया जा रहा है।
कोई नहीं सुन रहा डॉक्टर की
पुरानी छत गिराकर नई छत डाले एक साल भी नहीं हुआ। पूरे भवन में पानी गिर रहा है। सिलन भरी दीवारों में करंट आ रहा है। चार कमरों में तो विद्युत सप्लाई ही बन्द हो गई। दवाएं खराब हो रही है, पर इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
डॉ. नेकीराम गढवाल, चिकित्साधिकारी, सोम पीएचसी
अफसर आहत हुए तो हकीकत उजागर
मेरा पेतृक गांव सोम में ही है। रात को उपचार की जरुरत पड़ी तो पीएचसी पहुंचा। स्टाफ के नहीं होने की जानकारी मांगी तो पता चला कि पूरा भवन ही पानी-पानी हो रहा है। यहां स्टाफ का रुक पाना संभव ही नहीं हो रहा।
डॉ. शंकरलाल चव्हान, बीसीएमओ, कोटड़ा
इंजीनियरों ने सौंप दिया घटिया निर्माण
मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि एनएचएम के इंजीनियरों ने इतना घटिया निर्माण होने कैसे दिया। और भवन विभाग को सौंप भी दिया। हालात से चिकित्साकर्मी और मरीज जूझ रहे हैं। इसकी शिकायत जिला प्रशासन को भी की है। जल्द समाधान और जिम्मेदारो ंपर कार्रवाई होनी चाहिए।
डॉ. धर्मेन्द्र गरासिया, बीसीएमओ, झाड़ोल
कार्रवाई की जाएगी
घटिया निर्माण के कारण पूरे भवन की छत टपकने की जानकारी मिली। दवा खराब होने, स्टाफ और मरीजों को परेशानी हो रही है। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी। जिम्मेदारों पर कार्रवाई करवाई जाएगी।
डॉ. दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ, उदयपुर
सोम का नाम सुनते ही एक्सइएन बोले-‘मुझे पता नहीं’
मैंने जनवरी में जॉइन किया। इसलिए सोम में काम किसने किया, मेरी जानकारी में नहीं है। इस संबंध में डॉक्टर की ओर से कोई शिकायत भी नहीं मिली। बरसात की अधिकता से सभी जगहों पर परेशानी हो रही है। आज ही मौका दिखवाकर रिपोर्ट बनाई जाएगी।
धर्मेंद्र शाह, एक्सइएन, एनएचएम
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