scriptप्राकृतिक नाले में म‍िट्टी डालने के बाद अब ज‍िम्‍मेदारों ने ली सुध, पहुंचे मौके पर | Officers On NH 76 Spot, Menar, Udaipur | Patrika News

प्राकृतिक नाले में म‍िट्टी डालने के बाद अब ज‍िम्‍मेदारों ने ली सुध, पहुंचे मौके पर

locationउदयपुरPublished: Jul 15, 2020 03:12:42 pm

Submitted by:

madhulika singh

मेनार तालाब में पानी आवक के अवरुद्ध रास्ते खोले

menar.jpg

,,,,

मेनार. बर्ड विलेज मेनार के निकटवर्ती राष्ट्रीय राजमार्ग 76 पर सिक्सलेन निर्माण के चलते फाेेेेरलेन को तोड़ने के दौरान निकले वेस्ट मटेरियल को प्राकृतिक नाले में डाल देने एवंं हाइवे किनारे नाले के यहां विद्युत पाेेल खड़ा करने के दरमियान जगह जगह मिट्टी डालने का मामला पत्रिका में प्रकाशित होने के बाद अब जिम्मेदारों ने सुध ली है। नाले के बीच में डाले गए मटेरियल एवंं अवरूद्ध मार्गोंं को खोलने का काम शुरू हो गया है। गत दिवस नेशनल हाइवे डाक बंगला के यहां टाटा हाइवे रोड प्राइवेट प्रोजेक्ट लिमिटेड के सेक्शन हेड रजनीकांत महापात्रा टीम सहित मौके पर पहुंंचे। महापात्रा ने तीन मुखी पुलिया के यहां पर वेस्ट मटेरियल को पानी आवक के रास्ते से साइडलाइन करने को कहा, वहींं इधर विद्युत लाइन के लिए खड़े किए पाेेल के पास मशीन ले जाने हेतु डाली गयी मिट्टी को भी हटाने का काम शुरू हो गया है। ठेकेदार ने पाेेल खड़े करने के लिए करीब 45 से 50 जगह नाले में मिट्टी डालकर रास्ता बनाया था उसे भी हटाने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन इधर हाइवे किनारे कुछ खेत मालिकोंं ने हाइवे से अपने खेतोंं पर जाने के लिए बिना पाइप डाले नाले में मिट्टी पाटकर कर रास्ते बना लिए हैंं जिन्हें अभी तक नहींं हटाया गया है। इस दौरान शंकर लाल मेनारिया , राजू कानावत , प्रेम शंकर , कन्हैयालाल मेनारिया आदि मौजूद थे।
हाइवे के दोनोंं तरफ ‘पक्का नाला निर्माण’ की जरूरत

मेनार के दोनोंं तालाब का हाइवे किनारे माल क्षेत्र में होने वाली बारिश का पानी ही मुख्य स्त्रोत है। ऐसे में हर साल इन कच्चे नालों की समय पर ना तो सफाई की जाती है और ना ही वर्ष भर में हुए अवरोध को समय पर हटाया जाता है। ऐसे में इन तालाबों पर प्रति वर्ष भराव को लेकर संकट छाया रहता है। ग्रामीण एव पक्षी मित्रोंं का कहना है की सड़क के दोनोंं तरफ अगर पक्के नाले का निर्माण कर दिया जाए तो हर वर्ष बारिश में होने वाली परेशानी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। वहींं दोनोंं तालाबों में पानी आवक के मार्ग हमेशा के लिए खुल जाएंगे जिससे दोनोंं तालाब वर्ष पर्यंत भरे रहेंगे जिसे हजारोंं प्रवासी पक्षियों को भोजन के साथ आश्रय स्थल नसीब होगा वहींं क्षेत्र के लोगोंं को फायदा होगा और खेतों में किसानों की फसलें नही सड़ेगी।
पत्रिका ने उठाया था मामला : सिक्स लेन विस्तार में तोड़े गए वेस्ट मटेरियल को नाले में डालने एवंं पानी आवक के मार्ग से अवरोध हटाने को लेकर राजस्थान पत्रिका ने 6 जुलाई को ‘ऐसे कैसे भरेगा पक्षी विहार तालाब’ शीर्षक से खबर प्रकाशन किया था इसके बाद हाइवे निर्माण एजेंसी से जुड़े अधिकारी एवंं जिम्मेदार हरकत में आए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो