सरकारी कायदों में उलझ गया है उदयपुर के इन जवान कार्मिकों का बुढ़ापा
उदयपुरPublished: Jan 14, 2019 11:45:09 pm
उदयपुर शहर को बी-2 दर्जा दिलाने एवं पेंशन योजना के लिए कर्मचारी लामबंद
सरकारी कायदों में उलझ गया है उदयपुर के इन जवान कार्मिकों का बुढ़ापा
डॉ. सुशील कुमार सिंह/ उदयपुर. नई स्कीम के तहत राजकीय सेवाओं में सक्रिय कार्मिकों को एक बार फिर उनके बुढ़ापे को चिंता सताने लगी है। इसी क्रम में उदयपुर शहर को बी-२ का दर्जा दिलाने तथा पेंशन योजना की मांग को लेकर सोमवार को कार्मिक एक मंच पर लामबंद दिखाई दिए। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में कार्मिकों ने वर्ष 2013 के कार्मिकों के कटौती आदेश वापस लेने, सभी कैडर में 5 पदोन्नति अवसर बढ़ानेे, वर्दीधारी को वर्दी राशि 25 सौ रुपए, धुलाई भत्ता 250 करने, वन अधीनस्थ कार्मिकों को पुलिस के समान वेतन व सुविधा, वर्कचार्ज कार्मिकों को पदोन्नत करने, वन विभाग के कैटल गार्ड को गार्ड बनाने, संविदाकर्मी को स्थायी करने, राजकीय वाहनों का बीमा कराने सहित अन्य मांगों को दोहराते हुए नारेबाजी की और प्रदेश की वर्तमान सरकार से नई नीति बनाने की मांग की।इससे पहले हुई बैठकसमिति संयोजक दिनेश वैष्णव ने बताया कि समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों की बैठक, स्टेनोग्राफर के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश श्रीमाली की अध्यक्षता में मोहता पार्क के हुई । इसमें 17 फरवरी को कार्मिकों अी आमसभा कर मांगों को उठाया जाना तय हुआ। संगठनों ने अब तक उदयपुर शहर को बी-2 का दर्जा नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताई। मुख्य सलाककार देवी लाल चौधरी, महामंत्री प्रदीप गर्ग, संघर्ष समिति के सह संयोजक लोकेन्द्र कौइरी, महासंघ उपाध्यक्ष मुबारिक हुसैन, वनअधीनस्थ संघ के महामंत्री दलपत बातरा, ग्रामीण महामंत्री हीरालाल सोनी, सहायक कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अम्बालाल मेनारिया एवं अन्य ने बैठक को संबोधित किया।