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OMG!! रद्दी के भाव बिकेंगी हजारों महंगी किताबें, ऐसे खुली लापरवाही की पोल

locationउदयपुरPublished: Oct 08, 2017 04:24:27 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

उदयपुर. शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही से हजारों की तादाद में पढऩे योग्य किताबें रद्दी होने जा रही हैं।

OMG govt school scandals udaipur
उदयपुर . शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश स्तरीय पहचान रखने वाले स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एज्युकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एसआईईआरटी) प्रशासन की लापरवाही से हजारों की तादाद में पढऩे योग्य किताबें रद्दी होने जा रही हैं। वर्षों पहले महंगे दामों पर छपाई गई किताबों को एसआईईआरटी प्रशासन रद्दी के भाव बेचने की फिराक में हैं। इसका खुलासा भी उस समय हुआ, जब कमरों की मरम्मत के नाम पर इन किताबों को ‘ए’ ब्लॉक कार्यालय के बरामदे में रखा गया।
व्यवस्था खामी ही है कि राष्ट्रीय ग्रामीण प्रतिभा खोज परीक्षा के माध्यम से प्रतिभाओं को तलाशने वाले एसआईईआरटी ने जिम्मेदारी से समझौता कर बहुत सी परीक्षा कॉपियों के बंडल को ही नहीं खोला। यह बण्डल आज भी सुई से सिले गए बण्डलों में पैक होकर रद्दी के भाव बिकने को तैयार हैं। प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में आदर्श माने जाने वाले संस्थान में इस तरह की गतिविधियों ने यहां के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली को कठघरे में ला खड़ा किया है। इसी तरह पूरे संस्थान परिसर की सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है।
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गौरतलब है कि विशेषज्ञों से शोध और अध्ययन के नमूनों से तैयार होने वाली किताबों को राजकीय विद्यालयों की लाइब्रेरी में आदर्श बनाकर रखने के अलावा राजकीय विद्यालयों में अध्ययन ढर्रें को सुधारने के लिए इन किताबों का अलग ही महत्व है।

बरसों की खामियां उजागर
बरामदे में रखे हुए किताबों के ढेर ने प्रशासनिक स्तर पर बीते 10 साल में बरती गई लापरवाही को उजागर किया है। वर्ष 2005, 2007, 2008, 2011, 2012 और इसके बाद वाले वर्षों में छपाई गई सैकड़ों किताबें तो ऐसी हैं, जिनका कभी पन्ना तक पलट कर नहीं देखा गया। जबकि कुछ किताबों के बण्डल तो खोले ही नहीं गए।

कोशिश है बेकार न हो
हमारे प्रयास रहेंगे कि रद्दी हुई अधिकांश किताबों को आदर्श के तौर पर लाइब्रेरी में जगह दें। मैंने हाल ही में पदभार संभाला है। किताबें किस स्तर पर बर्बाद हुई, इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता।
सुभाष शर्मा, उप निदेशक (विज्ञान-गणित व मूल्यांकन), एसआईईआरटी
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