उदयपुर

केवल प्रभु स्मरण से ही मिलते हैं हरिदर्शन

– श्रीराम कथा का आयोजन

उदयपुरApr 16, 2019 / 11:49 pm

Sushil Kumar Singh

केवल प्रभु स्मरण से ही मिलते हैं हरिदर्शन

उदयपुर/ फतहनगर. प्रमुख शक्ति पीठ आवरीमाता मंदिर परिसर में चल रही श्रीराम कथा के नवमें दिन व्यासपीठ से कृष्ण किंकर महाराज ने कहा कि केवल परमात्मा की स्तुति से ही तृप्ति होगी। वह प्राणी अभागे हैं, जो हरि स्मरण छोड़ विषयों की ओंस रूपी बूंदों को ग्रहण कर प्यास बुझाने में सक्रिय हैं। दो शब्द भक्ति और भुक्ति, प्रभु प्रेम भक्ति हरि के निकट ले जाती है, जबकि सांसारिक सुख भुक्ति होकर श्रीहरि से दूर ले जाती है। हर जीवन में कष्ट आना सत्य है। लेकिन, विषम परिस्थितियों में स्मरण मात्र से प्रभु की प्राप्ति होती है। कुंती, द्रोपदी और मीरां का उदाहरण देते हुए किंकर महाराज ने कहा कि सांसारिक कष्टों के होते हुए प्रभु ने इन तीनों को हरिदर्शन दिए। कष्ट प्रद मार्ग से मासूम बालक बनकर जाना ही हरि प्राप्ति का एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा कि जगत में देना ही देना प्रेम, लेना ही लेना स्वार्थ और लेना देना व्यापार है। भक्ति वही है जो निष्काम और निर्गुण भाव से केवल परमात्मा के सुख ,संतोष ओर प्रसन्नता के लिए की जाए। प्रभु को तो केवल प्रेम ही प्यारा है, जितना उनका ध्यान हम रखेंगे उससे अधिक वह हमारा ध्यान निश्चित रखेंगे। केवल एक अंग से ही सभी कार्य कर सकने वाले प्रभु सर्वत्र विद्यमान होकर जन्मते नहीं। प्रेमवश प्रकट होते रहे हैं। जीवन में समय समय पर संत दर्शन, कथा श्रवण एवं हरिनाम प्राप्त होना ही जगत में इसके सबूत हैं। मानस में कहा है हरि व्यापक सर्वत्र समाना। प्रेम ते प्रगट होइ मैं जाना।। और रामहि केवल प्रेम पियारा। जानि लेहु जो जानन हारा।।
श्रीराम का हुआ राजतिलक, भजनों पर झूमे श्रोता
भटेवर. बांसडा गांव में चैत्र नवरात्रि के मौके पर आयोजित एक दिवसीय मेले के दौरान बजरंग सेवा समिति की ओर से हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित रामलीला मंचन के अंतिम दिन भगवान श्रीराम का अयोध्या में फिर से राजतिलक हुआ। संबंधित प्रसंग के मंचन को देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का सैलाब उमड़ा। इस मौके पर आयोजित भजन-कीर्तनों में श्रद्धालु खुद को झूमने से नहीं रोक सके। समिति सदस्यों की ओर से राजतिलक की रस्म विधिविधान के साथ की गई। दूसरी ओर सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी लोगों ने थिरकने का मौका नहीं खोया।

 

Home / Udaipur / केवल प्रभु स्मरण से ही मिलते हैं हरिदर्शन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.