मंगलवार को एमबी चिकित्सालय के एसएसबी ब्लॉक तक बिछाई लाइन को ऑक्सीजन प्लांट से जोड़ कर शुरू कर दिया गया। दोपहर एक बजे इसे शुरू किया गया। तब प्लांट से 60 पीएसआई का प्रेशर दिया गया जो बहुत ज्यादा बताया जिसे शाम को 56 पीएसआई कर दिया गया। नए प्लांट से ऑक्सीजन के प्रेशर की समस्या भी दूर हो गई। प्लांट शुरू किया तब आरएनटी के प्राचार्य डा. लाखन पोसवाल, चिकित्सालय अधीक्षक डा आर.एल. सुमन, उप अधीक्षक डा. संजीव टांक, सहायक अभियंता (एनएचएम) गोपाल कृष्ण दशोरा, डा. तेजी, नर्सिंग अधीक्षक दिनेश गुप्ता, कंपनी के इंजीनिय सर्वेश शुक्ला आदि मौजूद थे। डा. पोसवाल कहते है कि लिक्विड ऑक्सीजन जामनगर से आ रहा है लेकिन कभी सप्लाई नहीं आती है तब इन सिलेंडर को उपयोग में लेंगे, ये सिलेंडर भरकर रख लेंगे लेकिन इस समय पूरी तरह से उन्हें हटा नहीं सकते है।
सरकार व यूआइटी ने दिया धन
इस प्लांट के लिए राज्य सरकार ने पैसा दिया करीब 65 लाख रुपए का खर्चा आया है। आगे यूआइटी ने इसमें 50 लाख दिए जिससे प्लांट से लेकर एसएसबी ब्लॉक तक लाइन डालने से लेकर अतिरिक्त वेपोराइजर लगाने का काम हुआ।
24 घंटे में 450 सिलेंडर जरूरत
एसएसबी ब्लॉक में 250 बेड है। वहां पहले 24 घंटे में करीब 450 सिलेंडर की जरूरत होती थी। अब सीधे प्लांट से लाइन के जरिए मरीज तक ऑक्सीजन शुरू हो गई है। प्लांट तक लिक्विड ऑक्सीजन जामनगर रिफायनरी व दरीबा से आ रही है।
एमबी चिकित्सालय में इस प्लांट के तैयार होने के साथ ही दूसरे टैंक की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। एसएसबी ब्लॉक के पीछे की तरफ करीब 74 लाख रुपए की लागत से बनेगा। इससे यह फायदा होगा कि अस्पताल में दो प्लांट होंगे, किसी एक में तकनीकी समस्या आई तो दूसरे को जोड़ देंगे, इसके लिए इंटर कनेक्ट भी किया जाएगा। शहर विधायक व विस में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पिछले दिनों ही एमबी लिक्विड ऑक्सीजन टैंक की स्थापना के लिए 74.81 रुपए स्वीकृत किए है, इससे बाल चिकित्सालय, कोविड वार्ड व अन्य भवनों तक ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी।