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उदयपुर में ऑक्सीजन पाइप लाइन शुरू, हटे 450 सिलेंडर

locationउदयपुरPublished: May 12, 2021 10:02:16 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

राहत भरी खबर, अब प्लांट से सीधे प्रेशर से मरीज तक पहुंचेगी ऑक्सीजन, लक्विड ऑक्सीजन नहीं आती तब सिलेंडर काम में लेंगे, आपातकाल में ये सिलेंडर भी बड़े काम आएंगे

उदयपुर में ऑक्सीजन पाइप लाइन शुरू, हटे 450 सिलेंडर

उदयपुर में ऑक्सीजन पाइप लाइन शुरू, हटे 450 सिलेंडर

मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. मंगलवार का दिन ऑक्सीजन को लेकर उदयपुर के लिए मंगल रहा। महाराणा भूपाल चिकित्सालय (एमबी) में लिक्विड ऑक्सीजन की पाइप लाइन शुरू कर दी गई है। इसका सीधा बड़ा फायदा तो यह होगा कि मरीजों तक बिना सिलेंडर सीधे प्लांट से पूरे प्रेशर के साथ ऑक्सीजन पहुंचाई जाएगी। दूसरा फायदा यह होगा कि इससे करीब 450 सिलेंडर वहां से हटे है जो दूसरे मरीजों के काम आएंगे। वैसे अस्पताल प्रशासन की माने तो लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हो जाती है उस स्थिति में ये सिलेंडर काम आएंगे इसलिए इनका उपयोग यहीं लिया जाएगा लेकिन आपतकालीन समय में ये सिलेंडर भी संजीवनी के रूप में काम आएंगे।
कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए 15 दिन पहले शुरू किया गया ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का कार्य आखिर मंगलवार को पूरा हो गया। अब एमबी हॉस्पिटल में सिलेंडर भरकर लाने से लेकर ब्लॉक तक पहुंचाने आदि का समय बचेगा और सीधे प्लांट से मरीज के बेड तक ऑक्सीजन पहुंचेगी। सीधे-सीधे 450 जनों को सुचारू ऑक्सीजन मिलेगी और बचे सिलेंडर भी इस संकट में संजीवनी के रूप में काम आएंगे।
मंगलवार को एमबी चिकित्सालय के एसएसबी ब्लॉक तक बिछाई लाइन को ऑक्सीजन प्लांट से जोड़ कर शुरू कर दिया गया। दोपहर एक बजे इसे शुरू किया गया। तब प्लांट से 60 पीएसआई का प्रेशर दिया गया जो बहुत ज्यादा बताया जिसे शाम को 56 पीएसआई कर दिया गया। नए प्लांट से ऑक्सीजन के प्रेशर की समस्या भी दूर हो गई। प्लांट शुरू किया तब आरएनटी के प्राचार्य डा. लाखन पोसवाल, चिकित्सालय अधीक्षक डा आर.एल. सुमन, उप अधीक्षक डा. संजीव टांक, सहायक अभियंता (एनएचएम) गोपाल कृष्ण दशोरा, डा. तेजी, नर्सिंग अधीक्षक दिनेश गुप्ता, कंपनी के इंजीनिय सर्वेश शुक्ला आदि मौजूद थे। डा. पोसवाल कहते है कि लिक्विड ऑक्सीजन जामनगर से आ रहा है लेकिन कभी सप्लाई नहीं आती है तब इन सिलेंडर को उपयोग में लेंगे, ये सिलेंडर भरकर रख लेंगे लेकिन इस समय पूरी तरह से उन्हें हटा नहीं सकते है।

सरकार व यूआइटी ने दिया धन
इस प्लांट के लिए राज्य सरकार ने पैसा दिया करीब 65 लाख रुपए का खर्चा आया है। आगे यूआइटी ने इसमें 50 लाख दिए जिससे प्लांट से लेकर एसएसबी ब्लॉक तक लाइन डालने से लेकर अतिरिक्त वेपोराइजर लगाने का काम हुआ।

24 घंटे में 450 सिलेंडर जरूरत
एसएसबी ब्लॉक में 250 बेड है। वहां पहले 24 घंटे में करीब 450 सिलेंडर की जरूरत होती थी। अब सीधे प्लांट से लाइन के जरिए मरीज तक ऑक्सीजन शुरू हो गई है। प्लांट तक लिक्विड ऑक्सीजन जामनगर रिफायनरी व दरीबा से आ रही है।
एमबी में दूसरे टैंक की तैयारी शुरू
एमबी चिकित्सालय में इस प्लांट के तैयार होने के साथ ही दूसरे टैंक की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। एसएसबी ब्लॉक के पीछे की तरफ करीब 74 लाख रुपए की लागत से बनेगा। इससे यह फायदा होगा कि अस्पताल में दो प्लांट होंगे, किसी एक में तकनीकी समस्या आई तो दूसरे को जोड़ देंगे, इसके लिए इंटर कनेक्ट भी किया जाएगा। शहर विधायक व विस में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पिछले दिनों ही एमबी लिक्विड ऑक्सीजन टैंक की स्थापना के लिए 74.81 रुपए स्वीकृत किए है, इससे बाल चिकित्सालय, कोविड वार्ड व अन्य भवनों तक ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी।
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