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फिल्म पद्मावती पर फिर छाए काले बादल, फिल्म के विरोध पर इन्होंने दे दी ये धमकी

locationउदयपुरPublished: Nov 19, 2017 03:42:46 pm

Submitted by:

Mukesh Hingar

उदयपुर. फिल्म पद्मावती के विरोध में शिवसेना की शनिवार को हुई बैठक में निर्णय किया गया कि फिल्म को प्रतिबंधित नहीं किया गया तो…

padmavati film protest in udaipur
उदयपुर . फिल्म पद्मावती के विरोध में शिवसेना की शनिवार को हुई बैठक में निर्णय किया गया कि फिल्म को प्रतिबंधित नहीं किया गया तो शिवसेना आर-पार की लड़ाई लड़ेगी।
बैठक में कार्यकारी जिला प्रमुख सुधीर शर्मा एवं वक्ताओं ने बताया कि महारानी पद्मिनी देश के लिए आदर्श हैं। सतीत्व की रक्षा के लिए सैकड़ों महिलाओं के साथ जौहर कर आत्म बलिदान किया। फिल्म के माध्यम से उच्च सम्मान प्राप्त ऐतिहासिक आदर्शों के नाम पर कीचड़ उछालने का प्रयास किया जा रहा है। मेवाड़ में ही नहीं, पूरे देश के हिंदू समाज में फिल्म को लेकर गहरा आक्रोश है। इस फिल्म से लोगों की भावनाएं आहत हो रही है।
फिल्म की शीघ्र प्रतिबंधित करना चाहिए। उपसंभाग प्रमुख गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने फिल्म का ट्रेलर ही मर्यादा के विपरीत बताया। बैठक में संभाग संगठन प्रमुख बंटी राज अहीर, जिला कार्यालय प्रमुख गणेश वैष्णव, तेजसिंह राठौड़, राजन मेघवाल, महानगर प्रमुख विशाल आदि उपस्थित थे।
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जयपुर पहुंचे क्षत्रिय महासभा पदाधिकारी
मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को जयपुर में सरकार से वार्ता कर फिल्म को प्रतिबंधित करने की मांग की। महासभा के संरक्षक रावत मनोहर सिंह कृष्णावत, तेजसिंह बांसी, अध्यक्ष बालूसिंह कानावत, महामंत्री तनवीर सिंह कृष्णावत, जौहर संस्थान चितौड़ के लक्ष्मणसिंह शक्तावत, नरपतसिंह भाटी, भंवरसिंह भाटी ने फिल्म को जन भावनाओं के प्रतिकूल मनाते हुए इस पर प्रतिबंध की मांग रखी।
सरकार ने जनभावनाओं को सूचना व प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधियों ने बताया कि उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा, जो प्रसारण से पूर्व फिल्म को देखेगी। कमेटी में प्रदेश के प्रमुख इतिहासकारों और क्षत्रिय समाज के लोगों को शामिल किया जाएगा।

मंत्री को भेजा पत्र
भारतीय जनता पाटी किसान मार्चा ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र लिख कर फिल्म का विरोध किया गया। उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि सर्वसमाज की भावनाओं को देखते हुए केन्द्र सरकार से पद्मावती फिल्म पर रोक लगाने की मांग की गई। उधर, सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने संजय लीला भंसाली का पुतला जलाया। छात्र नेता ललित सिंह सिसोदिया व निखिल राज सिंह राठौड़ ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
सेमारी. राजपूत करणी सेना, सर्व हिन्दू संगठन तथा व्यापार मंडल ने 20 नवम्बर को सेमारी बंद का आह्वान किया है। चन्द्रभानसिंह शक्तावत ने बताया आह्वान फिल्म पद्मावती के विरोध को लेकर है।
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गांव-गांव में नुक्कड़ सभाएं
चंदेसरा. फिल्म पद्मावती के विरोध में शनिवार को नऊवा पंचायत के मारूवास में राजपूत समाज व मां राठासेन नवयुवक मंडल के सदस्यों ने निर्देशक संजय लीला भंसाली का पुतला जलाया। युवाओं को सोमवार को मावली तहसील मुख्यालय पर किसान नेता कुलदीपसिंह चूंडावत के नेतृत्व में ज्ञापन देने की जानकारी दी गई। विरोध प्रदर्शन में भीमसिंह सिसोदिया, भगवतसिंह सिसोदिया सहित बड़ी संख्या में समाजजन व ग्रामीण मौजूद थे। उधर फिल्म को बैन करवाने के लिए जनसमर्थन के लिए चंदेसरा, खेड़ा, अनोपुरा, अड़वाणिया आदि गांवों का दौरा कर जगह-जगह नुक्कड़ सभाएं की गईं। ग्रामीणों को मावली में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन में आने का आह्वान किया गया।

जनता सेना का धरना-प्रदर्शन स्थगित
भींडर. फिल्म के विरोध में जनता सेना राजस्थान की ओर से 24 नवंबर को जिला मुख्यालय पर प्रस्तावित धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है। सेना के संरक्षक तथा वल्लभनगर विधायक रणधीर सिंह भीण्डर ने बताया कि सेंसर बोर्ड ने तकनीकी कारणों से फिल्म लौटा दी है। इससे रिलीज डेट अब करीब दो माह बाद आने व निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली द्वारा मांगों को मानने की सहमति को देखते हुए धरना प्रदर्शन स्थगित किया है।

इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं
गींगला. फिल्म को लेकर कुराबड़ परिवार व फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लवदेव कुमार सिंह कृष्णावत ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों को मनोरंजन के लिए तोड़-मरोडकऱ पेश करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ईडाणा माता मंदिर परिसर में शनिवार को कृष्णावत ने मीडिया से कहा कि चित्तौड़ जौहर में 16 कौम की हिन्दू स्त्रियां सती हुई थीं। यह घटनाक्रम और ये नारियां न सिर्फ राजपूत, बल्कि मेवाड़ के सभी समाजों के लिए पूज्य और गौरव का विषय है। ऐसे घटनाक्रम से छेड़छाड़ से इतिहास नष्ट हो जाएगा।
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