सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो 21 से 30 वर्ष के सरपंचों में सर्वाधिक 28 सरपंच अकेले कोटड़ा पंचायत समिति क्षेत्र में चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इसी तरह बडग़ंाव में 11, भीण्डर, खेरवाड़ा व लसाडिय़ा में 6-6, वल्लभनगर में 4, सलूम्बर में 10, झाड़ोल में 18, नयागंाव में 6, ऋषभदेव व फलासिया में 10-10, गिर्वा में 19 एवं मावली में 14 सरपंच चुनाव जीतने वालों में शामिल है।
सबसे रोचक बात यह है कि युवा सरपंचों में अधिकांश 21 से 23 वर्ष के बीच के हैं। कोटडा़ की सामोली पंचायत में 21 वर्ष के भोजाराम व बीकानी से निर्मल बुमरिया, वागावास से कैलाश देवी, कुकावास से रविन्द्र कुमार, घुपीपला से रमिला व तिलोई से पुनी देवी को सरपंची की कुर्सी हासिल हुई है। बडग़ंाव के कविता में लोकेश गमेती गांव की बागड़ोर संभालने में सफल रहे हैं। इसी तरह भीण्डर की सिंहाड़ पंचायत में सीता कुमारी, बग्गड़ में पूजा चौबीसा व भूपाल खेड़ा में सुरभि मीणा सरपंच बनी है। वल्लभनगर की माल की टूस में कैलाशचन्द्र गमेती, खेरवाड़ा के मगरा में उर्मिला देवी, सुंदरा में सुप्रिया मीणा, सलूम्बर की अदकालिया में महेन्द्र कुमार मीणा, झाड़ोल की घोघरा में प्रवीण कुमार मीणा, लुणावतों का खेड़ा में प्रिंयका वडेरा, नैनबारा में सुशील भगोरा, लसाडिय़ा की मानपुरिया का गुड़ा में शान्ता कुमारी, बेड़ावल से लोगरलाल, ऋषभदेव की गुमानपुरा से चंदा मीणा, गड़ावत से किरण देवी, सोमावत से कृष्णा मीणा, फलासिया की अम्बासा से दिलीप खराड़ी, अंजरोली खास से राधा देवी, खराडिया से सुखलाल, पीपलबारा से मंजू कुमारी, गिर्वा की बुर्रा से भैरूलाल गमेती, लकड़वास से निरमा गमेती, सरूफला से रमिला देवी एवं मावली की जावद से दुर्गा बाई, नउवा से चमन गमेती एवं सालेरा कलां से अभिषेक कम उम्र में सरपंच बने है।
उदयपुर जिले में कुल 652 ग्राम पंचायतें हैं। अभी तक जिले में तीन चरणों में 466 ग्राम पंचायतों में ही चुनाव हुए है। शेष रही 186 ग्राम पंचायतों में चौथे चरण का मतदान अप्रेल के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है।