इसके बाद सूत्रधार श्रुति चतुरलाल के यूफोनिक योग प्रस्तुति में पहली बार तीन कलाओं को मिलाकर दो चक्र स्वाधिष्ठान अर्धांग व अनहद तथा योगिक नृत्य मुद्राओं में अरुणिमा घोष, वैष्णवी चावन, श्रृष्टि व अमिता देवी तथा तरनप्रीत कौर ने ओडिसी, योगा व गायन से अलग रंग जमाया।
कार्यक्रम का अगला आकर्षण सूफी जुगलबंदी ‘रूहानियत’ में कथक सूफी के समन्वय से मन कुंतो मौला…के बाद दमादम मस्त कलंदर…पेश किया गया। इसमें विभा एवं अभिमन्यु लाल, रूहानी सिस्टर्स, राजेश प्रसन्ना, प्रांशु चतुरलाल, की सांगितिक प्रस्तुतियों ने संगीत रसिकों को सर्द शाम में बांधे रखा।
इस अवसर पर दिलीप बागला, डॉली तलदार, टीआर तलदार, जयश्री सिंह, अरविंद अवस्थी सहित कई गणमान्य व सुर रसिक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संयोजन चरणजीत चतुरलाल ने किया।