उदयपुर . जिले के खेरवाड़ा वनखण्ड के जवास गांव की पहाड़ियों पर मंगलवार को एक पैैंथर आने से दशहत का माहौल हो गया । पैैंथर की सूचना पर बड़ी तादाद में ग्रामीणों का मजमा मौके पर लग गया । वहीं ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी और पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और मौके से भीड़ को हटाया।
1 साल का यह पैैंथर भूख के चलते कमजोरी की अवस्था में गांव की ओर चला आया । इस दौरान इस भूखे पैैंथर ने ग्रामीणों के ऊपर झपटा मारने की कोशिश भी की । मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने वस्तु स्थिति का जायजा लेने के बाद पैैंथर को रेस्क्यू करने के लिए उदयपुर से वन विभाग के शूटर को बुलाया । करीब 1 घण्टे बाद उदयपुर से वन विभाग की टीम मय शूटर मौके पर पहुंची और पैैंथर को ट्रेंकुलाइज किया। रेंजर आर.के मेहता ने बताया कि ट्रेंकुलाइज कर बेहोश करने के बाद वन विभाग द्वारा पैैंथर को खेरवाड़ा स्थित पशु चिकित्सालय लाया गया लेकिन वहां पर उचित संसाधन और डॉक्टर नहीं होने पर उसे इलाज के लिए उदयपुर लाया गया । पैैंथर का इलाज करने के बाद इसे वापस वन विभाग द्वारा जंगल मे छोड़ दिया जाएगा।
READ MORE: उदयपुर एयरपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया देश का मान, मिला इंटरनेशनल वन स्टार अवार्ड इधर, सोमवार को केलवा क्षेत्र के निचली मियारी गांव के पास मार्बल कटर पर मार्बल में छिपकर बैठे घायल मादा पैंथर शावक को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला। रेस्क्यू करने के लिए टीम उदयपुर से शूटर सतनामसिंह के साथ पहुंची। हालांकि, 15 मिनट की मशक्कत के बाद शावक को बाहर निकाल लिया गया। कर्मचारियों ने बताया कि शावक की गर्दन व पूंछ पर किसी बड़े पैंथर के दांतों के गहरे घाव बने हैं। घाव काफी पुराने होने से इनमें कीड़े भी पड़ गए हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि आपसी संघर्ष की वजह से पैंथर घायल हुआ होगा। राजसमंद पशु चिकित्सालय में घावों की सफाई कर ड्रिप चढ़ाई गई, लेकिन हालत गंभीर होने पर शाम को उसे उदयपुर रेफर कर दिया गया।