——- झाड़ोल के परीक्षार्थी की जगह बैठा था जालोर का युवक
सीसारमा के सरकारी स्कूल में परीक्षा देकर चला गया एक अभ्यर्थी हिरणमगरी थाना क्षेत्र में महावीर जैन विद्यालय संस्थान सेक्टर 4 में आयोजित तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में जिले के झाड़ोल के अभ्यर्थी की जगह जालोर के युवक द्वारा परीक्षा देने के प्रयास के मामले में पुलिस ने मध्यस्थता करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से तीन दिन के रिमांड पर रखने के आदेश दिए गए। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ने परीक्षा के दिन दो फर्जी अभ्यर्थियों को केंद्रों तक पहुंचाया था। इसमें से एक पकड़ा गया, जबकि दूसरा सीसारमा के सरकारी स्कूल में आयोजित परीक्षा में शामिल होकर पेपर देकर भी चला गया। मुख्य आरोपी ने पांच-पांच लाख रुपए में मूल अभ्यर्थी का फर्जी परीक्षार्थी से सौदा करवाया था।
उदयपुर पुलिस की ओर से नकल गिरोह की रोकथाम को लेकर डीएसटी टीम एवं हिरणमगरी थाना पुलिस की टीम का गठन किया गया। इसी दौरान सूचना मिली कि महावीर जैन विद्यालय संस्थान सेक्टर 4 में फर्जी परीक्षार्थी बैठा है। पुलिस की टीम केंद्र पर पहुंची और संजय पुत्र लालूराम पारगी निवासी काली मगरी बांसवारी ढीमरी, झाड़ोल की जगह बैठे किशनाराम पुत्र हरिराम विश्नोई निवासी सेवड़ी, जालोर को पकड़ा। उसने संजय पारगी की जगह अपने साथी सुरेश विश्नोई एवं श्रवण विश्नोई की सहायता से परीक्षा में डमी परीक्षार्थी के रूप में बैठना कबूला। इसके बाद आरोपी किशनाराम को विभिन्न धाराओं व राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2022 की धारा 3,6,9/10 के तहत गिरफ्तार किया गया।
—– श्रवण पकड़ा, सुरेश नहीं लगा पुलिस के हाथ जांच अधिकारी एएसपी मंजीत सिंह ने बताया कि मामले में मोरावा गुड़ामलानी, बाड़मेर निवासी श्रवण कुमार पुत्र पोकरराम विश्नोई को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि रविवार को आयोजित परीक्षा को लेकर विजय पुत्र नानालाल पारगी निवासी आमलिया के स्थान पर प्रकाश पुत्र बंशाराम विश्नोई निवासी बागोड़ा को सीसारमा के सरकारी स्कूल में परीक्षा देने पहुंचाया गया था, जिसने वहां परीक्षा दी, वहीं संजय पुत्र लालू पारगी के स्थान पर किशनाराम को महावीर जैन विद्यालय संस्थान सेक्टर 4 के केंद्र पर पहुंचाया, जो पुलिस की पकड़ में आ गया। आरोपी श्रवण ने पुलिस को बताया कि मूल अभ्यर्थियों की जगह इन दोनों को डमी अभ्यर्थी के तौर पर केंद्र तक पहुंचाने, रेलवे व बस स्टैंड से लाने और होटल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उसकी थी और यह निर्देश उसे मुख्य आरोपी सुरेश विश्नोई के माध्यम से मिल रहे थे, जो मामले में अभी फरार है।