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बच्चे चोरी होने के डर से अभिभावक सहमे, बाल चिकित्सालय की नर्सरी की सुरक्षा में पोल

locationउदयपुरPublished: Mar 07, 2021 08:57:44 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

डूंगरपुर और बांसवाड़ा के चिकित्सालय से बच्चे चोरी होने की घटना का खौफ

बच्चे चोरी होने के डर से अभिभावक सहमे, बाल चिकित्सालय की नर्सरी की सुरक्षा में पोल

बच्चे चोरी होने के डर से अभिभावक सहमे, बाल चिकित्सालय की नर्सरी की सुरक्षा में पोल

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. गत दिनों डूंगरपुर और बांसवाड़ा के चिकित्सालय से बच्चे चोरी होने की घटना का खौफ अभी तक उदयपुर के बाल चिकित्सालय की नर्सरियों में बच्चों के माता-पिता के चेहरे पर साफ नजर आ रहा है। यहां जब पत्रिका टीम बाल चिकित्सालय की नर्सरियों के शनिवार को हालात देखने पहुंची तो मंजर बेहद भावुक था। किसी बच्चे के पास पिता तो किसी के पास उसकी मां एेसे खडे़ दिखे जैसे वह हर खतरे से अपने ‘लालÓ को बचा लेंगे। दूसरी ओर अधिकांश नर्सरी, वार्ड के बाहर सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आए।
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मुख्य द्वार पर महिला सुरक्षाकर्मी

सबसे बड़ी बात ये है कि बाल चिकित्सालय की नर्सरी के बाहर महिला सुरक्षाकर्मी लगाई गई है। पिछले दिनों वागड़ की घटना से सबक भी नहीं लिया और भी यहां महिला सुरक्षाकर्मी काम संभाल रही है।
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नीचे व कुछ जगह मिली महिला सुरक्षाकर्मी
डूंगरपुर और बांसवाड़ा में बच्चे चोरी होने के बाद यहां १२ सुरक्षाकर्मी लगानी की बात एमबी चिकित्सालय प्रशासन कर रहा है, लेकिन हर फ्लोर पर सुरक्षाकर्मी नहीं मिले। केवल नीचे, एनआईसीयू के बाहर सुरक्षाकर्मी नजर आई। एक फ्लोर पर जैसे ही पत्रिका टीम पहुंची तो वहां नीचे से मुख्य द्वार को सूना छोड़कर सुरक्षाकर्मी किसी अन्य महिला सुरक्षाकर्मी को लेकर दौड़ते हुए वहां पहुंची। पूछने पर उसने बताया कि वह इसे छोडऩे आई है। हालांकि पत्रिका टीम को हर वार्ड या नर्सरी के बाहर सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आए।
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हर बच्चे के पास अभिभावक

सभी नर्सरियों में एक खास बात नजर आई कि हर बच्चे के पास उसके माता या पिता दोनों में से कोई ना कोई नजर जरूर आया। बाहर वाली नर्सरी में एक महिला सुरक्षाकर्मी मौजूद थी।
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ये हैं सरकार के आदेश
हाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विशिष्ट शासन सचिव ने आदेश जारी किए हैं, कि एसएनसीयू जिला अस्पताल डूंगरपुर में नवजात शिशु चोरी होने की घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है। शिशु को वास्तविक परिजनों को सुपुर्द नहीं कर किसी अन्य को देने के कारण यह घटना हुई है। एसी घटनाओं को रोकने के लिए जिला, उप जिला, सेटेलाइट व सीएचसी के लिए आदेश जारी किए गए हैं।
– हर बच्चे के हाथ पर जो टेग होता है उसकी कॉपी टेग उसके परिजनों को दिया जाए, ताकि यह दिखाने के बाद ही बच्चा उन्हें मिल सके। उदयपुर में अभी इसकी शुरुआत नहीं की है।
– नवजात शिशु को फैमिली पाॢटसिपेटरी केयर सेंटर में ही स्तनपान करवाया जाए। उसे प्रसूताओं के वार्ड में नहीं भेजा जाए।
– परिजनों को देने से पहले पूरा प्रमाणित कर बच्चा दिया जाए।
इनका कहना है

हमने हर फ्लोर पर सुरक्षाकर्मी लगाए हैं। अभी १२ सुरक्षाकर्मियों को इन घटनाआें के बाद तत्काल लगाया गया है, यदि कही कोई कमी है तो इसे तत्काल ठीक करेंगे।
डॉ. आरएल सुमन, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल उदयपुर
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