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पारसोला की श्वेता बनी आर्यिका संगीतमती माता

locationउदयपुरPublished: Oct 16, 2021 12:23:24 am

Submitted by:

jagdish paraliya

आचार्य सुनीलसागर महाराज से आर्यिका दीक्षा ग्रहण की

पारसोला की श्वेता बनी आर्यिका संगीतमती माता

पारसोला की श्वेता बनी आर्यिका संगीतमती माता

अन्देश्वर पारसनाथ में भव्य जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव में उमड़ा जैन समुदाय
पारसोला (उदयपुर). कस्बे की श्वेता डागरिया पुत्री शिशुपाल डागरिया ने शुक्रवार को विजयादशमी पर अन्देश्वर पारसनाथ में विराजमान आचार्य सुनीलसागर महाराज से आर्यिका दीक्षा ग्रहण की। आर्यिका दीक्षा के बाद श्वेता आर्यिका संगीतमती माता बन गई है। भव्य जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव में आचार्यश्री के करकमलो से मुनि, आर्यिका, क्षुल्लक सहित २५ को जैनेश्वरी दीक्षा दी गई। अन्देश्वर पारसनाथ तीर्थ पर सुबह मूलनायक भगवान पाश्र्वनाथ स्वामी का अभिषेक के बाद दीक्षार्थियों का केशलोचन कर जैनेश्वरी दीक्षा दी गई। दीक्षार्थियां का नामकरण किया गया। आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन किया गया। आचार्यश्री ने मंगल प्रवचन में बताया कि सबसे बडी परीक्षा जैनेश्वरी दीक्षा लेना है। जीवन में आत्मा की शुद्धि जरूरी होती है। हम सभी को मोक्षमार्ग पर आगे बढऩे का पुरूषार्थ करना चाहिए। ज्ञानी और मुनि का प्रायोजन इस संसार में आत्मा की सिद्धि का है। आचार्यश्री ने सभी को मंगल आशीष प्रदान किया। आहारचर्या के बाद दोपहर में आचार्य महावीर कीर्ति महाराज का आचार्य पदारोहण दिवस मनाया गया । कार्यक्रम में बासंवाडा़, पारसोला, धरीयावद, साबला, घाटोल, नरवाली, खमेरा कुशलगढ़ सहित आसपास के सैकड़ों जैन श्रद्धालु जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव में पहुंचे।
संस्कृत में एमए है श्वेता
बाल ब्रह्मचारिणी श्वेता का जन्म २५ सितम्बर १९८९ को पारसोला कस्बे में शिशुपाल डागरिया के घर हुआ। माता का नाम हेमलता डागरिया है। श्वेता ने एमए संस्कृत में शिक्षा ग्रहण करने के बाद आर्यिका सुपाश्र्वमती माताजी से ब्रह्मचार्य व्रत ग्रहण किया। धार्मिक शिक्षा के तहत कातत्रमाला, सर्वथासिद्धि, तत्वार्थवृत्ती, समयसार, हरिवंशपुराण आदि ग्रन्थों का अध्ययन किया।

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