ग्रामीणों ने बताया कि मार्ग पर बड़े गड्ढे हैं। इसमें सेएक को भर रहे है तो दूसरे को छोड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं। कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है, जिससे पेचवर्क चंद घंट भी नहीं टिक रहा है। उल्लेखनीय है कि इस कार्य पर करीब सात लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
….. कार्य गुणवत्तायुक्त व संतोषजनक नहीं हो रहा है। इस बारे में हमने शुरुआत में ही अधिशासी अभियंता से बात की थी। उन्होंने आश्वासन दिया फिर भी काम सही ढंग से नहीं हो रहा है। डामर की जगह काफी पतला तरल पदार्थ डालकर गढ्ढे पाट रहे हैं। बीच-बीच में कई जगह पर गड्ढे छोड़ दिए हैं। सडक़ पर अब भी बड़े-बडे गड्ढे हैं।
हितेश जोशी, भाजयुमो जिला मंत्री
हितेश जोशी, भाजयुमो जिला मंत्री
एेसा प्रतीत हो रहा है कि विभाग डामर डालकर जनता पर अहसान कर रहा है। आगे-आगे डामर डाल रहे हैं, पीछे-पीछे वह पुन: उखड़ रहा है। बगैर लेवल के ही काम कर रहे हैं।
प्रकाशचन्द्र मीणा, सरपंच, बुडेल ग्राम पंचायत छह से सात लाख रुपए तक स्वीकृत हैं। झल्लारा से बुड़ेल तक जहां ट्रैफिक को समस्या आ रही है, उसको पहले ले रहे है। शेष रोड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है, जहां पूरा डामरीकरण चाहिए। हमने इसका प्रस्ताव भेज रखा है। डामरीकरण की स्वीकृति एक-दो महिने में आ जाएगी। अगर डामर उखडऩे की समस्या आ रही है, तो मैं दिखवा देता हूं।
मणिलाल मेघवाल, सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी सलूम्बर