यहां मरीजों के लिए एक-एक मिनट भारी है, तो सरकारी काम का ढर्रा है जो बदलने का नाम ही नहीं ले रहा। जिला कलक्टर के आदेश के पांच दिन बाद भी पशु चिकित्सालय इसलिए अधिग्रहित नहीं हो पाया क्योंकि सार्वजनिक निर्माण विभाग सरकारी रवैये से ही काम करने के मिजाज में है। अब तो महकमें को रवैया बदल जल्द से जल्द काम पूरा करना चाहिए ताकि मरीजों को समय पर उपचार मिल सके।
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उदयपुर. कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण मरीजों को हॉस्पिटलों मेंं पलंग उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं तो महकमे की ढिलाई इनकी समस्याओं को और बढ़ा रही है। जिला कलक्टर के आदेश के बादजूद अब तक पशु चिकित्सालय का अधिग्रहण नहीं किया गया है। यदि अधिग्रहण किया जाए तो मरीजों को पलंग उपलब्ध हो जाएंगे और यहां वहां उपचार के लिए भटकना नहीं होगा।
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पांच दिन हुए आदेश जारी किए
जिला कलक्टर ने गत 2 मई को पशु चिकित्सालय अधिग्रहण के आदेश जारी किए थे, इसके पांच दिन बाद तक ये आदेश अमल में नहीं लाया गया है। बताया जा रहा है कि 100 से 150 लोगों के लिए यहां पलंग लगाए जा सकते हैं, लेकिन अब तक केवल कमेटी ने दौरा किया। यहां एडीएम ओपी बुनकर, एमबी अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन, आरएनटी उपाचार्य डॉ. ललित रेगर व अम्बामाता जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. राहुल जैन ने व्यवस्थाएं देखी थी। इसके आगे का काम अब तक अटका हुआ है।
जिला कलक्टर ने गत 2 मई को पशु चिकित्सालय अधिग्रहण के आदेश जारी किए थे, इसके पांच दिन बाद तक ये आदेश अमल में नहीं लाया गया है। बताया जा रहा है कि 100 से 150 लोगों के लिए यहां पलंग लगाए जा सकते हैं, लेकिन अब तक केवल कमेटी ने दौरा किया। यहां एडीएम ओपी बुनकर, एमबी अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन, आरएनटी उपाचार्य डॉ. ललित रेगर व अम्बामाता जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. राहुल जैन ने व्यवस्थाएं देखी थी। इसके आगे का काम अब तक अटका हुआ है।
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यह व्यवस्थाएं जुटाने की तैयारी – बताया जा रहा है कि एमबी अस्पताल से सटे हुए पशु चिकित्सालय परिसर में शुरुआत में 50 पलंग बिछाने की तैयारी कर रहे हैं।
– पीडब्ल्यूडी को यहां सफाई, बिजली लाइन जनरेटर से कनेक्ट करने का काम सौंपा, लेकिन अब तक काम ने गति नहीं पकड़ी है।
यह व्यवस्थाएं जुटाने की तैयारी – बताया जा रहा है कि एमबी अस्पताल से सटे हुए पशु चिकित्सालय परिसर में शुरुआत में 50 पलंग बिछाने की तैयारी कर रहे हैं।
– पीडब्ल्यूडी को यहां सफाई, बिजली लाइन जनरेटर से कनेक्ट करने का काम सौंपा, लेकिन अब तक काम ने गति नहीं पकड़ी है।
– एमबी हॉस्पिटल में नई ओपीडी के समीप की दीवार तोड़कर सीधे पशु चिकित्सालय के रास्ता बनाना है, लेकिन तैयारी कागजों में है।
– शुरुआत में अधिकांश पलंगों पर कंसन्ट्रेटर लगाया जा सके, इसके लिए बिजली लाइन नई डालकर, जनरेटर से जोडऩे का काम होना है।
– शुरुआत में अधिकांश पलंगों पर कंसन्ट्रेटर लगाया जा सके, इसके लिए बिजली लाइन नई डालकर, जनरेटर से जोडऩे का काम होना है।
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आखिर मरीज जाए तो कहां? – ना तो एसएसबी में भर्ती होने की जगह है और ना ही इएसआईसी में। इसके अलावा जो अन्य वार्ड अधिग्रहित किए गए है वह भी भरे हुए है। कई बार गंभीर मरीज को लेकर आने वाले मरीज घंटों इमरजेंसी के बाहर एम्बुलेंस में इन्तजार करते हैं।
– जिला प्रशासन की ओर से जीबीएच बेड़वास को अधिग्रहित किया गया, लेकिन इस पर सरकार की आपत्ति के बाद मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। फिलहाल 18 मरीज भर्ती हैं। जिला प्रशासन ने एमबी प्रशासन को इससे संबंधित निर्देश दिए हैं।
आखिर मरीज जाए तो कहां? – ना तो एसएसबी में भर्ती होने की जगह है और ना ही इएसआईसी में। इसके अलावा जो अन्य वार्ड अधिग्रहित किए गए है वह भी भरे हुए है। कई बार गंभीर मरीज को लेकर आने वाले मरीज घंटों इमरजेंसी के बाहर एम्बुलेंस में इन्तजार करते हैं।
– जिला प्रशासन की ओर से जीबीएच बेड़वास को अधिग्रहित किया गया, लेकिन इस पर सरकार की आपत्ति के बाद मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। फिलहाल 18 मरीज भर्ती हैं। जिला प्रशासन ने एमबी प्रशासन को इससे संबंधित निर्देश दिए हैं।
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काम पीडब्ल्यूडी को दिया पीडब्ल्यूडी को काम दिया है कि सफाई करवाएं, बिजली आदि की व्यवस्थाएं जुटाए। यह काम शीघ्र किया जाना चाहिए ताकि एमबी प्रशासन की ओर से चिकित्सकीय व्यवस्थाएं संभाली जा सके। प्रयास है कि जल्द से जल्द यहां काम शुरू करेंगे।
डॉ. आरएल सुमन, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल
काम पीडब्ल्यूडी को दिया पीडब्ल्यूडी को काम दिया है कि सफाई करवाएं, बिजली आदि की व्यवस्थाएं जुटाए। यह काम शीघ्र किया जाना चाहिए ताकि एमबी प्रशासन की ओर से चिकित्सकीय व्यवस्थाएं संभाली जा सके। प्रयास है कि जल्द से जल्द यहां काम शुरू करेंगे।
डॉ. आरएल सुमन, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल