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यूं करते हैं लपकागिरी – शहर के इंट्री प्वाइंट, टोल प्लाजा पर ही बाइक लेकर लपके खड़े रहते हैं। बाहर की गाड़ी देखते ही उनके पीछे लपक पड़ते हैं। अच्छी होटल के नाम पर उन्हें रिझाते हैं। पर्यटक के झांसे में आते ही होटल में छोडकऱ कमीशन लेकर निकल जाते हैं।
– गाइड के नाम पर लपके पर्यटकों से मनमाने पैसा तय कर उनके साथ जाते हैं। पर्यटक स्थल व विरासत के बारे में गलत जानकारी देते हैं।
यूं करते हैं लपकागिरी – शहर के इंट्री प्वाइंट, टोल प्लाजा पर ही बाइक लेकर लपके खड़े रहते हैं। बाहर की गाड़ी देखते ही उनके पीछे लपक पड़ते हैं। अच्छी होटल के नाम पर उन्हें रिझाते हैं। पर्यटक के झांसे में आते ही होटल में छोडकऱ कमीशन लेकर निकल जाते हैं।
– गाइड के नाम पर लपके पर्यटकों से मनमाने पैसा तय कर उनके साथ जाते हैं। पर्यटक स्थल व विरासत के बारे में गलत जानकारी देते हैं।
– हर लपकों ने अपने-अपने कमीशन के हिसाब से शो-रूम तय कर रखे हैं। पर्यटकों को भ्रमित कर वे उन्हें खरीदारी के लिए वहां ले जाते हैं। हो चुके हैं अपराध
लेकसिटी में कन्वेसर गैंग सक्रिय होने से पूर्व में संगीन अपराध के साथ ही हत्या हो चुकी हैं। हैण्डीक्राफ्ट माफिया व बड़े शोरूम मालिकों ने कई युवाओं की टोलियां पाल रखी हैं। वे लपकागिरी के दौरान दूसरी गैंग के किसी व्यक्ति से पर्यटकों को खींचने व रिझाने के लिए झगड़ पड़ते हैं। इसको लेकर कई मामले भी दर्ज हुए।
लेकसिटी में कन्वेसर गैंग सक्रिय होने से पूर्व में संगीन अपराध के साथ ही हत्या हो चुकी हैं। हैण्डीक्राफ्ट माफिया व बड़े शोरूम मालिकों ने कई युवाओं की टोलियां पाल रखी हैं। वे लपकागिरी के दौरान दूसरी गैंग के किसी व्यक्ति से पर्यटकों को खींचने व रिझाने के लिए झगड़ पड़ते हैं। इसको लेकर कई मामले भी दर्ज हुए।
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कानून है, पर ठोस कार्रवाई नहीं पर्यटक क्षेत्र या उसके मार्ग में कोई दलाली करता है तो उसे पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है। उसे अधिकारिता वाले न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करेंगे। दोषसिद्धि पर तीन माह का कठोर कारावास व जुर्माना निर्धारित है लेकिन आज तक किसी लपके को सजा नहीं हुई। अधिकतर मामलों में पुलिस शांतिभंग व अन्य धाराओं में मामला दर्ज करती है। आरोपी जुर्माने पर छूटते ही वापस सक्रिय हो जाते हैं।
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कानून है, पर ठोस कार्रवाई नहीं पर्यटक क्षेत्र या उसके मार्ग में कोई दलाली करता है तो उसे पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है। उसे अधिकारिता वाले न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करेंगे। दोषसिद्धि पर तीन माह का कठोर कारावास व जुर्माना निर्धारित है लेकिन आज तक किसी लपके को सजा नहीं हुई। अधिकतर मामलों में पुलिस शांतिभंग व अन्य धाराओं में मामला दर्ज करती है। आरोपी जुर्माने पर छूटते ही वापस सक्रिय हो जाते हैं।
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मनरेगा से भी कम मेहनाता स्तर आधा दिन…पूरा दिन क्षेत्रीय गाइड – 1600… 2000
(भारत स्तर के) स्टेट गाइड – 280 … 400 (राज्य स्तर के )
स्थानीय गाइड 250…350 (जिला स्तर के)
(भारत स्तर के) स्टेट गाइड – 280 … 400 (राज्य स्तर के )
स्थानीय गाइड 250…350 (जिला स्तर के)
यह है गाइड की पीड़ा केन्द्र सरकार की ओर से निर्धारित क्षेत्रीय गाइड को पूरे दिन के दो हजार रुपए मिलते हैं जबकि वही काम स्टेट गाइड भी करता है लेकिन उसे महज 400 रुपए दिए जाते हैं। वीआईपी मूवमेंट होने पर स्टेट गाइड पहुंचता है तो उसकी तय 400 रुपए की राशि भी दो से तीन माह में खाते में आती है। इस कारण अधिकतर लोगों ने इस धंधे से मुंह मोड़ लिया।