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ये करनी होती है घोषणा
बोर्ड प्रशासन की ओर से सम्पत्ति की घोषणा के लिए बकायदा एक फारमेट बनाया गया है। इसमें प्रथम नियुक्ति के समय स्थावर सम्पत्ति कितनी, उस जिले, उपखण्ड, तहसील और गांव का नाम जिसमें सम्पत्ति है, सम्पत्तियों का नाम और सम्पूर्ण विवरण, उस वर्ष उसका मूल्य कितना है, यदि वह सम्पत्ति स्वयं की नहीं है, और उस कार्मिक के किसी परिजन की या करीबी रिश्ेतदार की है, तो उसके साथ सम्बंध क्या है।
ये करनी होती है घोषणा
बोर्ड प्रशासन की ओर से सम्पत्ति की घोषणा के लिए बकायदा एक फारमेट बनाया गया है। इसमें प्रथम नियुक्ति के समय स्थावर सम्पत्ति कितनी, उस जिले, उपखण्ड, तहसील और गांव का नाम जिसमें सम्पत्ति है, सम्पत्तियों का नाम और सम्पूर्ण विवरण, उस वर्ष उसका मूल्य कितना है, यदि वह सम्पत्ति स्वयं की नहीं है, और उस कार्मिक के किसी परिजन की या करीबी रिश्ेतदार की है, तो उसके साथ सम्बंध क्या है।
सम्पत्ति कैसे अर्जित की गई, यदि क्रय पट्टे या बंधक उत्तराधिकार, दान या अन्यथा रूप में अर्जित की गई हो, तो अर्जन की तारीख और उस व्यक्ति का विवरण देना होता है। साथ ही यदि उपलब्ध सम्पत्ति से कोई आय होती हो तो उसे दर्ज करनी होती है।
2011 से दिया है ब्योरा
वर्ष 2011 में बोर्ड के 202, वर्ष 2012 में 223 और 2014 में 298 कार्मिकों ने अपनी सम्पत्ति का ब्योरा दिया है। इसमें असिस्टेंट डायरेक्टर से लेकर सेक्शन ऑफिसर, पीएस, डेपुटी डायरेक्टर, असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर, मुख्य परीक्षा नियंत्रक सहित स्टेनोग्राफर तक शामिल हैं।
सम्पत्ति का ब्योरा हर कार्मिक से भरवाते हैं। यदि पोर्टल पर सार्वजनिक नहीं हो रहे हैं, तो उसे देख कर उसकी जानकारी लेंगे। नियमानुसार जो होगा उसे करवाएंगे।
बीएल चौधरी, अध्यक्ष, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर
बीएल चौधरी, अध्यक्ष, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर