बुधवार के अंक में ‘सफेदपोशों का शपथ लेकर सफेद झूठ’ समाचार पर आरएनटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डी.पी. सिंह ने सभी को नोटिस भेजकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में दुकानों व भवनों के बाहर उनके होर्डिंग कब और कैसे लगाए, उनके मकान, मौजूदा निवास, निजी आवास होने पर सरकारी आवास लेने, निजी परिसरों में नियम विरुद्ध प्रेक्टिस सहित शपथ पत्र के उल्लंघन को लेकर सवाल पूछे गए हैं।
वरिष्ठ प्रोफेसर की आई शिकायत
एनाटोमी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर घनश्याम गुप्ता के विरुद्ध भी निजी फ्लेट होने के बावजूद सरकारी आवास में रहने की शिकायत है। गुप्ता ने भी स्वीकार किया कि हींतावाला कॉम्पलेक्स में उनका एक फ्लेट है, लेकिन जूनियर बॉयज हॉस्टल के वार्डन होने के नाते नियम से रह रहे हैं। उनका कहना है कि एनाटोमी में रात के समय भी बॉडी आती है तो उन्हें वहीं रहना होता है। जबकि सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन है कि जिस सरकारी व्यक्ति का नगर निगम के क्षेत्र में मकान है वह व्यक्ति सरकारी आवास में लाभ नहीं ले सकता।
READ MORE: VIDEO: उदयपुर में निजी मकान होने के बावजूद मेडिकल प्रोफेसर्स को आवंटित हैं सरकारी आवास, क्यों हो रहा ऐसा, जानें पूरा सच अगर वह लाभ ले रहा है तो नियमानुसार उसे खाली करना पडेग़ा। सरकारी आवास में रहने के लिए शपथ पत्र भी देना होता है, अगर झूठा दिया जाए तो कैद का प्रावधान है।
वरिष्ठ प्रोफेसर की आई शिकायत
एनाटोमी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर घनश्याम गुप्ता के विरुद्ध भी निजी फ्लेट होने के बावजूद सरकारी आवास में रहने की शिकायत है। गुप्ता ने भी स्वीकार किया कि हींतावाला कॉम्पलेक्स में उनका एक फ्लेट है, लेकिन जूनियर बॉयज हॉस्टल के वार्डन होने के नाते नियम से रह रहे हैं। उनका कहना है कि एनाटोमी में रात के समय भी बॉडी आती है तो उन्हें वहीं रहना होता है।
जबकि सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन है कि जिस सरकारी व्यक्ति का नगर निगम के क्षेत्र में मकान है वह व्यक्ति सरकारी आवास में लाभ नहीं ले सकता। अगर वह लाभ ले रहा है तो नियमानुसार उसे खाली करना पडेग़ा। सरकारी आवास में रहने के लिए शपथ पत्र भी देना होता है, अगर झूठा दिया जाए तो कैद का प्रावधान है।