मामले में आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि पार्किंग सुचारू रूप से चले और वाहनों की पार्किंग तय स्थल पर ही हो इसके लिए होमगार्ड को तैनात करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक नया टेंडर नहीं हो तब तक तय शुल्क में पार्किंग का प्रबंधन होमगार्ड के जरिए करवाया जाएगा। शहर में अवैध पार्किंग के मद्दे पर सिहाग ने कहा कि इस पार्किंग के आसपास, शक्तिनगर तथा शक्ति नगर -आरसीए सडक़ों पर जो भी अवैध वाहनों की पार्किंग की जा रही है, उसके खिलाफ सख्ती से अभियान चलाया जाए इसके लिए पुलिस का सहयोग लिया जाएगा।
पुलिस के लिए क्रेन भी खरीदेंगे : सिहाग ने बताया कि यातायात पुलिस के पास क्रेन की कमी के चलते एक क्रेन खरीदने के प्रस्ताव पर भी नगर निगम विचार कर रहा है। पार्किंग स्थल फिलहाल बंद
उल्लेखनीय है कि ठेकेदार ने दो दिन पहले पार्किंग स्थल पर काम बंद कर दिया। इससे पहले उसने निगम को दिए नोटिस में तर्क दिया था कि आसपास सार्वजनिक स्थानों पर वाहन खड़े रहने से इस पार्किंग में गाडिय़ां नहीं के बराबर आती है जिससे रखरखाव के खर्च ही पूरे हो रहे हैं। पत्रिका ने पार्किंग बंद होने पर 7 जनवरी को ‘आखिर चौदह करोड़ की पार्किंग पर ताला लगा’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
READ MORE: PICS: ये है UDAIPUR मेरी जान!! उदयपुर की ये तस्वीरें किसी जन्नत से कम नहीं है पत्रिका व्यू… सख्ती नहीं तो नए पार्किग स्थल क्यूं बाजार हो या पर्यटन स्थल सब जगह पुलिस पहले कार्रवाई करती तो लोग कहते थे कि पहले पार्किंग स्थल तो विकसित कीजिए फिर कार्रवाई की सोचो। मगर जब टाउनहॉल में पार्किंग बना दी तो अब आसपास की गलियों और बाजारों में आने-जाने वाले एवं व्यापारी वाहनों को पार्किंग स्थल पर खड़ा नहीं करते हैं। कई तो नगर निगम प्रांगण में पार्किंग कर रहे है। पार्किंग को सुचारू रखने के लिए नया टेंडर कर दें या होमगार्ड की मदद ले ली जाए लेकिन पार्किंग स्थल तब ही फायदेमंद होगा जब सडक़ों पर होने वाली अवैध पार्किंग के खिलाफ सख्ती की जाएगी।
पुलिस और नगर निगम अगर इसमें सफल नहीं हुए तो देहलीगेट और चांदपोल पर विकसित हो रहे पार्किंग स्थल का भविष्य क्या होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद इसका उपयोग नहीं हो तो फिर क्या मतलब है। लोगों को भी बदलना चाहिए नहीं तो स्मार्ट सिटी और स्मार्ट सिटीजन की बात कागजों में ही रह जाएगी।