उदयपुर

बच्चों को प्रवेश देने से मना करने पर पत्रिका ने उठाया मसला, अब बेटे-बेटियों को मिला 8वीं में प्रवेश

आरटीई नियमों का हवाला देते हुए जिन बेटियों और बेटों को 14 से ज्यादा उम्र होने पर सरकारी स्कूलों में 8वीं कक्षा में प्रवेश के लिए मना किया जा रहा था, उन्हें अब प्रवेश के लिए बुला लिया गया है। पत्रिका ने 20 जुलाई के अंक में प्रमुखता से इस मसले को उठाया था जिस पर शिक्षा अधिकारियों से लेकर संस्था प्रधानों तक में आदेश को लेकर समीक्षा होनी शुरू हो गई।

उदयपुरJul 25, 2019 / 05:26 pm

madhulika singh

School Student

चंदनसिंह देवड़ा/उदयपुर. आरटीई नियमों का हवाला देते हुए जिन बेटियों और बेटों को 14 से ज्यादा उम्र होने पर सरकारी स्कूलों में 8वीं कक्षा में प्रवेश के लिए मना किया जा रहा था, उन्हें अब प्रवेश के लिए बुला लिया गया है। पत्रिका ने 20 जुलाई के अंक में प्रमुखता से इस मसले को उठाया था जिस पर शिक्षा अधिकारियों से लेकर संस्था प्रधानों तक में आदेश को लेकर समीक्षा होनी शुरू हो गई। कई संस्था प्रधान स्पष्ट आदेश जारी होने की बात कहते दिखे तो कइयों ने मार्गदर्शन मांगने के बाद भी स्पष्ट जवाब अधिकारियों से नहीं मिलने के कारण इन बच्चों को प्रवेश देने से मना कर दिया था।
बेटियों के पिता ने जताया आभार
सुरफला, बलीचा, काया समेत जिले के कई स्कूलों में 14 से ज्यादा की उम्र पार कर लेने वालों को 8वीं कक्षा में प्रवेश से रोक दिया था। बुधवार को प्रवेश मिलने पर बलीचा स्कूल में सुगना और उसकी सहेलियों को प्रवेश के लिए बुला लिया गया। प्रवेश नहीं मिलने पर रोने वाली बेटियों को जब पढऩे को कहा तो वह और उनके परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। परिजनों ने पत्रिका का आभार जताया।
परीक्षा आवेदन से स्पष्ट होगी स्थिति
डाइट प्रिंसिपल पुष्पेन्द्र शर्मा ने बताया कि आरटीई के तहत 16 वर्ष वाले बच्चों को आठवीं में गत साल परीक्षा आवेदन फार्म भरने में दिक्कत आई थी। बाद में उन्हें रियायत दी गई लेकिन इस बार प्रवेश पर इसी वजह से आनाकानी शुरू हो गई। आदेश में यह स्पष्ट करना है कि जो नियमित विद्यार्थी है, उनको उम्र संबंधी बाधा नहीं होगी लेकिन जो ड्रॉप आउट होकर 8वीं आया।
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