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मजूदरों में विश्वास बहाल हो, उद्योग भी मनरेगा से लिंक हो

locationउदयपुरPublished: Jun 02, 2020 10:36:20 pm

Submitted by:

Mukesh Hingar

पत्रिका के साथ विप्र समाज का संवाद

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corona

मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. कोरोना के संक्रमण ने जनजीवन को हिलाकर रख दिया है। व्यापार से लेकर उद्योग सबको बूरी तरह प्रभावित किया है। जनजीवन पटरी से उतर गया है लेकिन अब जब कोरोना के संग जीने के लिए हम तैयार है लेकिन वापस खड़े होने के लिए बहुत कुछ उम्मीदें सरकार से भी है। उदयपुर और यहां के उद्योग-धंधे को गतिमान करना होगा और इन सबके लिए सबसे पहले जरूरत है श्रमिकों की जो चले गए। मजदूरों में विश्वास को बहाल किया जाए। उद्योग शुरू करने वाले तो यह सब जतन कर रहे है लेकिन विश्वास बहाली के लिए सरकार को भी कदम आगे बढ़ाने होंगे। उद्योग जगत के साथ संवाद कर सरकार मनरेगा को शहरी क्षेत्र में उद्योग से लिंक कर सकती है। गांवों में छोटे-छोटे स्कूलों की अपनी समस्या है उस पर भी विचार करना होगा। राजस्थान पत्रिका के सोशल कनेक्ट अभियान के तहत सोमवार को विप्र समाज के सदस्यों से बातचीत हुई। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश-
सबसे पहले रोजगार
जो बेरोजगार है उनको रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उदयपुर में लकड़ी के खिलौने का जो उद्योग था उसको पुर्नजीवित करना होगा, हस्तशिल्प को खड़ा करना होगा।
– विष्णु शर्मा ‘हितैषी’, वरिष्ठ पत्रकार
अब हमारी जिम्मेदारी
पर्यटन उद्योग के साथ इन्फास्ट्रंक्चर पर काम करना होगा। इसके साथ ही रूटीन के कार्य शुरू कर जीवन पटरी पर लाना होगा। सरकार ने लॉकडाउन में ट्रेनिंग दी, अब हमारी जिम्मेदारी है।
– ललित पानेरी, उद्यमी
सोशल डिस्टेंसिसंग की पालना करें
कोरोना वॉरियर्स ने बहुत अच्छा काम किया है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम पूरी सावधानी रखे। सोशल डिस्टेसिंग की पालना करें, विप्र फांउडेशन ने भी संकट में पूरा काम किया।
– नरेन्द्र पालीवाल, समाजसेवी
श्रमिकों को मनरेगा से लिंक करें
जो श्रमिक डर के मारे चले गए है, सबसे पहले उनका डर निकालना होगा। इंडस्ट्रीज को मनरेगा से कनेक्ट करना होगा, इसके लिए उद्यमियों के साथ सरकार संवाद करें, रास्ता निकलेगा।
– के.के. शर्मा, उद्यमी
गाड़ी पटरी पर लाए
श्रमिकों की समस्या बनी हुई है, गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए सबसे पहले उनको मोटिवेट करना होगा। उद्यमी तो प्रयास कर रहा है, सरकार को भी आगे आना होगा।
– लक्ष्मीकांत वैष्णव, समाजसेवी
इंडस्ट्रीज बिना श्रमिक कैसे उठेगी
श्रमिक के अभाव में इंडस्ट्रीज उठ नहीं पाएगी। सकारात्मक संदेश उन तक पहुंचाना होगा। उनको फायदा पहुंचाने के लिए सरकार को भी कुछ राहत भरे प्रावधान करने होंगे।
– गिरीश शर्मा, महासचिव, कलड़वास चेम्बर ऑफ कॉमर्स
शहरों में भी रोजगार चाहिए
विप्र समाज की महिलाओं ने देश में 12 लाख मास्क बनाकर बड़ा काम किया। अभी जरूरत इस बात की है कि गांवों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में भी रोजगार को लेकर काम करने की जरूरत है।
– के.के. शर्मा, समाजसेवी
सरकार पैकेज दें
वाटिका संचालकों, टेंट, कैटरिंग, हलवाई, बैंडबाजे वाले आदि भी बड़ी मुश्किल में है। उनको बिजली-पानी तक में सरकार ने रियायत नहीं दी। इस वर्ग पर भी सरकार को कोई पैकेज देना चाहिए।
– हिम्मतलाल नागदा, शहर अध्यक्ष विप्र समाज
मध्यमवर्गीय पर भी ध्यान दें
मध्यमवर्गीय परिवारों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उनको रोजगार देने के लिए संसाधन दिए जाए ताकि वे घरों में ही कार्य कर सके। साथ ही सब्सिडी भी दी जाए।
– लक्ष्मीकांत जोशी, महामंत्री विप्र फांउडेशन उदयपुर
स्कूलों पर भी फोकस हो
गांवों में जो छोटे-छोटे स्कूल है उनको बड़ी मुश्किल हो रही है। कोरोना के इस संकट के बीच स्कूलों के संकट पर सरकार को ध्यान देना होगा ताकि पूरे प्रदेश में छोटे स्कूलों को राहत मिले।
– सत्यनारायण पालीवाल, स्कूल संचालक
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