—— मुद्गल ने बताया कि अब ऐसे मरीज ओपीडी में आ रहे हैं जो खुद बीमार या संक्रमित नहीं है, जिन्हें किसी प्रकार से बीमार के कोई लक्षण भी नहीं है, लेकिन केवल मानसिक दबाव या शक में वे जांच करवाने पहुंच रहे हैं। उन्होंने एक युवती के बारे में बताया क वह बीती रात अपने पिता के साथ जांच करवाने पहुंची थी, लेकिन बीमार नहीं थी, उसे मन में ऐसे लग रहा था जैसे वह कोरोना वायरस के संक्रमण में आ गई है, ऐसे में उसे दवा की जरूरत नहीं थी, उसे काउंसलिंग की गई कि वह सामान्य है उसे कुछ नहीं हुआ। इसी प्रकार से एक महिला को भी ये समझाना पड़ा कि उसके पेट में जो दर्द है उसमें कोरोना संक्रमण जैसी कोई समस्या नहीं है। उन्होंने सामान्य मरीजों को सलाह दी है कि वह बेहद जरूरी होने पर ही चिकित्सालय जांच के लिए आए। —