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बीमारी से ज्यादा कोरोना संक्रमण फियर फेक्टर लेकर ओपीडी में पहुंच रहे लोग

locationउदयपुरPublished: Mar 28, 2020 01:20:54 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– बीमारी से ज्यादा कोरोना संक्रमण फियर फेक्टर लेकर ओपीडी में पहुंच रहे लोग
– कोरोना ब्लॉक की ओपीडी में कार्यरत डॉ मुद्गल बोले
– अपने बीमार पिता के उपचार को अधूरा छोड़ लौटे कार्यस्थल पर

बीमारी से ज्यादा कोरोना संक्रमण फियर फेक्टर लेकर ओपीडी में पहुंच रहे लोग

बीमारी से ज्यादा कोरोना संक्रमण फियर फेक्टर लेकर ओपीडी में पहुंच रहे लोग

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. भरतपुर में अपने बीमार पिता के उपचार को अधूरा छोड़ सूचना मिलते ही एमबी हॉस्पिटल के कोरोना ब्लॉक में काम पर लौटे डॉ सीपी मुद्गल ने बताया कि वह छुट्टी पर अपने घर भतरपुर गए हुए थे, लेकिन जैसे ही उन्हें इस कोरोना संक्रमण के बढऩे की सूचना और तत्काल काम पर लौटने का संदेश मिला तो वे अपने पिता ओमप्रकाश शर्मा का पूरा उपचार भी नहीं करवा पाए। पिता शर्मा को माइग्रेन अटैक आने के बाद उन्हें तुरन्त भरतपुर जाना पड़ा था। इसके बाद जैसे ही ये स्थितियां बदली और कोरोना संक्रमण के हालात बिगडऩे लगे तो वे तत्काल घर से लौट गए। अपने परिवार को भी वे साथ इसलिए ही नहीं ला सके क्योंकि उन्हें कोरोना ओपीडी में नियमित मरीज देखने हैं। बकौल मुद्गल उन्होंने जयपुर से नाथद्वारा का सफर रात भर खुले लोडिंग ऑटो में पीछे बैठकर किया क्योंकि वहां से उनके पिता ने ही उन्हें से सबक दिया कि यहां तो स्थितियां ठीक हो जाएंगी, लेकिन पहले बीमारों का उपचार जरूरी है। उनकी मां को आर्थोराइटिस की समस्या के कारण उन्हें भी कई प्रकार के घरेलू कार्यों में समस्या होती है।
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मुद्गल ने बताया कि अब ऐसे मरीज ओपीडी में आ रहे हैं जो खुद बीमार या संक्रमित नहीं है, जिन्हें किसी प्रकार से बीमार के कोई लक्षण भी नहीं है, लेकिन केवल मानसिक दबाव या शक में वे जांच करवाने पहुंच रहे हैं। उन्होंने एक युवती के बारे में बताया क वह बीती रात अपने पिता के साथ जांच करवाने पहुंची थी, लेकिन बीमार नहीं थी, उसे मन में ऐसे लग रहा था जैसे वह कोरोना वायरस के संक्रमण में आ गई है, ऐसे में उसे दवा की जरूरत नहीं थी, उसे काउंसलिंग की गई कि वह सामान्य है उसे कुछ नहीं हुआ। इसी प्रकार से एक महिला को भी ये समझाना पड़ा कि उसके पेट में जो दर्द है उसमें कोरोना संक्रमण जैसी कोई समस्या नहीं है। उन्होंने सामान्य मरीजों को सलाह दी है कि वह बेहद जरूरी होने पर ही चिकित्सालय जांच के लिए आए। —
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