READ MORE : उदयपुर के सुविवि ने लिया है इस गांव को स्मार्ट विलेज बनाने का जिम्मा, एनएसडीसी से किया करार एआईसीसी सचिव एवं राजस्थान सहप्रभारी तरुणकुमार ने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले किसानों को 50 फीसदी लाभांश देने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार वादाखिलाफी पर उतर आई है। समर्थन मूल्य के अभाव में किसान औने-पौने दामों में फसल बेचने को मजबूर हैं। जिला प्रभारी महेंद्रजीतसिंह मालवीया ने कहा कि कृषि आधारित उपकरणों पर सब्सिडी घटाने से परेशान किसान आत्महत्या जैसे कदम उठा रहा है।
उसे इंसाफ के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। सहप्रभारी शंकर यादव, शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोपाल कृष्ण शर्मा, उदयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष लालसिंह झाला, प्रदेश सचिव पंकजकुमार शर्मा, नीलिमा सुखाडि़या, ब्लॉक अध्यक्ष पूरण मेनारिया व मुजीब सिद्दीकी, दिनेश श्रीमाली, त्रिलोक पूर्बिया, पीसीसी महासचिव गजेन्द्र सिंह शक्तावत, मांगीलाल गरासिया, दयाराम परमार, देवेन्द्र सिंह शक्तावत, सज्जन कटारा, झाड़ोल विधायक हीरालाल दरांगी, विवेक कटारा, गणेश राजोरा ने भी संबोधित किया। इस दौरान संभागभर से बड़ी तादाद में पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।
दो घंटे में चल दिए पार्टी के प्रदेश सहप्रभारी तरुणकुमार अपने भाषण के बाद करीब एक बजे प्रदर्शन के बीच चित्तौडग़ढ़ के लिए रवाना हो गए। फिर डॉ. व्यास ने संबोधित किया। इससे पहले करीब 11 बजे पर धरना स्थल पर संबोधन की शुरुआत हुई। करीब दो बजे प्रदर्शन के बाद पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। कार्यक्रम में करीब 50 पदाधिकारी एवं 250 के लगभग कार्यकर्ता एवं ग्रामीण क्षत्रों से भी कार्यकर्ता और आम लोगों की भीड़ जुटी। कार्यकर्ता का जुंड ढ़टा रहा। इसे देखते हुए पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा।
चिलचिलाती धूप में पानी को तरसे कड़ी धूप में खड़े किए गए पाण्डाल में एकत्र लोगों के दोपहर के दौरान गले सूखते दिखाई दिए। कुछ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी तो मंच एवं अतिथियों के लिए पानी की बोतलें भरकर लाने की व्यवस्था में ही सक्रिय दिखाई दिए। दूसरी ओर एक तरफा सड़क पर पाण्डाल होने से लोगों को यातायात जैसी परेशानियों से जूझना पड़ा। धरने पर आए पदाधिकारियों ने सड़क के दोनों छोर पर वाहनों को बेतरतीब खड़ा कर दिया। इससे यातायात पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।