5000 की आबादी और हर घर में गोरैया पिपलांत्री गांव के पूर्व सरपंच व पद्मश्री से सम्मानित श्याम सुंदर पालीवाल और उनकी पत्नी व वर्तमान सरपंच अनीता पालीवाल ने बताया कि इस गांव की एक नहीं बल्कि कई खासियते हैं। यहां बेटियों के जन्म पर 111 पौधे लगाने की शुरुआत आज से 25 साल पहले हुई थी और पूरे गांव की इस प्रकृति बचाओ मुहिम ने गांव की कायापलट कर रख दी। इन सालों में करीब 2 लाख पेड़ लगे तो यहां पक्षियों का बसेरा भी हो गया। करीब 5000 की आबादी वाले इस गांव के हर घर में गोरैया के लिए परिंडे लगाए गए हैं । उनके मित्र क़ृष्ण गोपाल परिंडे, बर्ड हाउस व प्राकृतिक घोसले बांटने का काम करते हैं। साथ ही ग्रामीण उनके दाना-पानी की व्यवस्था भी करते हैं। खुद खाने से पहले गोरैया व अन्य पक्षियों को निवाला देना नहीं भूलते।
देश व दुनिया भर के लोग व बच्चे हर दिन कर रहे विजिट पालीवाल ने बताया कि पिपलांत्री गांव देश व दुनिया में चर्चित हो चुका है। विदेशों में यहां के आदर्श गांव मॉडल को पढ़ाया जा रहा है। कई लोग यहां डॉक्यूमेंट्री बनाने आते हैं तो कई यहां विजिट के लिए आते हैं। देश, राजस्थान व संभाग भर से स्कूली बच्चों को भी यहां लाया जाता है। ऐसे में उन्हें भी पर्यावरण संरक्षण, गोरैया संरक्षण आदि सभी की जानकारी दी जाती है। यहां के स्कूलों में भी बच्चों को गोरैया संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाता है।