उदयपुर

बोली लगाओ, रोडवेज बस ले जाओ

घाटे से उबरने के प्रयासों में
जुटा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) अपनी बसों को अब अपने ही
चालक-परिचालकों को मासिक आधार पर

उदयपुरOct 07, 2015 / 03:25 am

कमल राजपूत

Udaipur news

उदयपुर। घाटे से उबरने के प्रयासों में जुटा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) अपनी बसों को अब अपने ही चालक-परिचालकों को मासिक आधार पर “ठेके” पर देगा। इसमें रूट और बस चालक-परिचालक चुनेंगे, समय सारिणी रोडवेज की ही रहेगी। प्रति किमी न्यूनतम राशि तय कर रोडवेज उसे मौका देगा, जो सबसे ज्यादा “बोली” लगाएगा। इस राशि से ज्यादा आमद हुई तो भी रोडवेज में जमा होगी लेकिन चालक-परिचालक को फायदा यह होगा कि उसे 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

रोडवेज ने इस योजना को “मेरी बस-मेरा रूट” नाम दिया है। इसके तहत चालकों-परिचालकों को रूटों व बसों का ऑफर दिया जाएगा। कोई भी चालक-परिचालक किसी भी रूट व बस के लिए दावा प्रस्तुत कर सकेगा। बस आवंटित करने के लिए समिति बनाई जाएगी, जो प्राप्त शिड्यूलों पर विचार कर लक्ष्य तय करेगी।

समिति में मुख्य प्रबंधक, यातायात प्रबंधक, संचालन प्रबंधक, प्रशासन प्रबंधक, वित्त प्रबंधक आदि शामिल होंगे। यह समिति राजस्थान राज्य पथ परिवहन सेवा (बिना टिकट यात्रा निवारण) अधिनियम 1975 एवं राजस्थान मोटर वाहन नियम 1990 के प्रावधानों का पालन भी सुनिश्चित करेगी। समिति हर माह 25 तारीख तक विचार कर अंतिम निर्णय लेगी तथा 28 तारीख तक शिड्यूल आवंटित किए जाएंगे।

ये रहेंगी शर्ते
योजना 70 प्रतिशत से कम यात्रीभार वाली बसों पर लागू होगी। महीने के लिए न्यूनतम राशि रोडवेज तय करेगा। यात्रीभार कम रहा तो चालक-परिचालक को राशि जेब से भरनी पड़ेगी और अधिक रहा तो अतिरिक्त मिली राशि में से 50 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन के रूप में मिलेगी। एक से अधिक दावे आने पर बस उसे दी जाएगी, जो अधिक राजस्व देगा। आय दैनिक रूप से संबंधित परिचालक के लेजर में दर्ज होगी। योजना से जुड़े चालक-परिचालक की माह में 24 दिन उपस्थिति अनिवार्य होगी। योजना से जुड़ी बसों का निरीक्षण मुख्य प्रबंधक या मुख्यालय स्तर के अधिकारी ही कर सकेंगे।

धीरेन्द्र जोशी

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