चार तहसीलों के किसान शामिल
बीमा राशि को लेकर जिले के मावली, सलूम्बर, गोगुन्दा व ऋषभदेव के किसान शामिल हैं। अन्य तहसीलों के किसानों को भुगतान कर दिया गया था लेकिन इन चार तहसीलों में ओलावृष्टि से फसल पूरी तरह खराब हो गई, जिसकी शत-प्रतिशत क्षतिपूर्ति की जानी थी। इसमें चारों तहसीलों को मिलाकर 6 करोड़ 74 लाख तीन हजार 988 रुपए दिए जाने है। इसमें कुल 70 हजार बीमित किसानों में से 10 हजार 356 किसानों ने बीमा राशि के लिए दावा किया था लेकिन दावे की भरपाई अब तक नहीं हो पाई है।
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प्रति किसान औसत साढ़े छह हजार
कुल दावा राशि के अनुसार प्रति किसान औसत 6 हजार 508 रुपए दिए जाने हैं। यह राशि दावे के 15 दिन के अन्दर किसानों को दी जानी थी, लेकिन सरकार व कम्पनी के बीच नियम व शर्तों के विवाद चलते अटक कर रह गई। साथ ही रबी सत्र के भी 21 हजार 375 किसान बीमित थे जिनमें से अधिकतर किसानों ने फसल खराब होने का दावा कर बीमा राशि की मांग की है। क्षतिपूर्ति राशि समय पर नहीं मिलने से किसानों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
प्रति किसान औसत साढ़े छह हजार
कुल दावा राशि के अनुसार प्रति किसान औसत 6 हजार 508 रुपए दिए जाने हैं। यह राशि दावे के 15 दिन के अन्दर किसानों को दी जानी थी, लेकिन सरकार व कम्पनी के बीच नियम व शर्तों के विवाद चलते अटक कर रह गई। साथ ही रबी सत्र के भी 21 हजार 375 किसान बीमित थे जिनमें से अधिकतर किसानों ने फसल खराब होने का दावा कर बीमा राशि की मांग की है। क्षतिपूर्ति राशि समय पर नहीं मिलने से किसानों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
जल्द मिलेंगी राशि
बकाया राशि को लेकर इंश्योरेंस कम्पनी ने केन्द्र सरकार को अपील की थी जिसे केन्द्र सरकार ने मंजूर कर दिया है। जल्द ही किसानों को राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। सरकार व कम्पनी के बीच नियम व शर्तों को लेकर कोई विवाद नहीं है। सरकार ने अपनी हिस्सेदारी दे दी है।
विकास सीताराम भाले, आयुक्त, कृषि विभाग, राजस्थान सरकार
बकाया राशि को लेकर इंश्योरेंस कम्पनी ने केन्द्र सरकार को अपील की थी जिसे केन्द्र सरकार ने मंजूर कर दिया है। जल्द ही किसानों को राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। सरकार व कम्पनी के बीच नियम व शर्तों को लेकर कोई विवाद नहीं है। सरकार ने अपनी हिस्सेदारी दे दी है।
विकास सीताराम भाले, आयुक्त, कृषि विभाग, राजस्थान सरकार