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सात सालों में कई बार पिटी पुलिस तो अधिकारियों ने झेला गुस्से का प्रहार

locationउदयपुरPublished: Feb 19, 2020 12:36:01 pm

Submitted by:

bhuvanesh pandya

अपराधियों के हाथों हजारों बार पुलिस पर प्रहार

सात सालों में कई बार पिटी पुलिस तो अधिकारियों ने झेला गुस्से का प्रहार

सात सालों में कई बार पिटी पुलिस तो अधिकारियों ने झेला गुस्से का प्रहार

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. आमतौर पर कानून और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का जिम्मा संभालने वालों का डर या सम्मान आम जनता से लेकर अपराधियों तक पर हावी रहता है। शांतिपूर्ण हालात जब बिगड़ते हैं या स्थितियां असमान्य होती है या डगमगाती है तो हर किसी की नजर खाकी और कुर्सी पर जाती है। हर किसी की उम्मीदें उनसे बंधी रहती है, कि ये हैं तो सब ठीक है। यहां हालात इससे बिलकुल उलट हैं। यहां आमजन और अपराधियों के हाथों हजारों बार पुलिस पर प्रहार हुआ है तो अधिकारियों को भी इस मार का सामना करना पड़ा है।
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जनवरी 2013 से मई 2019 के बीच पुलिस के साथ हमला व मारपीट करने के कुल 2942 व प्रशासन के अधिकारियों के साथ हमला व मारपीट करने के कुल 5043 प्रकरण दर्ज हुये है। – अपराध व अवैध धंधा करने वालों की संख्या का अनुमान पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार व चालान किये गये व्यक्तियों की संख्या से लगाया जाता है। पुलिस द्वारा प्रो एक्टिव कार्रवाई बढाने से व जनता द्वारा निर्बाध पंजीकरण व पुलिस तंत्र में विश्वास के चलते नि:संकोच प्रकरण दर्ज करवाने के कारण अधिक प्रकरणों में अधिक अपराधी गिरफ्तार, चालान होते हैं। – कई बार पुलिस का अडियल रवैया भी टकराहट के हालात पैदा करता है। – पुलिस अपराधियों को पकड़ते पकड़ते जब खुद ही अपराध के दलदल की ओर बढऩे लग जाते हैं।
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जिलेवार मामले- 2013 से 2019 के बीच

जिला- पुलिस के साथ मारपीट- प्रशासन के साथ मारपीट

अजमेर- 105- 238

अलवर- 269- 221

उदयपुर- 95- 121

करोली- 86- 259
कोटा ग्रामीण- 66- 118

कोटा शहर- 105- 98

चित्तौडगढ़़- 55- 116

चूरू- 55- 132

जयपुर उत्तर- 38- 61

जयपुर ग्रामीण- 64- 183

जयपुर दक्षिण- 54- 72

जयपुर पश्चिम- 73- 37
जयपुर पूर्व- 104- 138

जालोर- 41-52

जीआरपी अजमेर- 08- 00

जीआरपी जोधपुर- 04-00

जैसलमेर- 51- 108

जोधपुर ग्रामीण- 77- 99

जोधपुर पश्चिम- 81- 45

जोधपुर पूर्व- 86- 74
झालावाड़- 39- 121

झुन्झुनूं- 56- 153

टोंक- 68- 201

डूंगरपुर- 11- 02

दौसा- 75- 124

धौलपुर- 93- 75

नागौर- 101- 223

पाली- 60- 87

प्रतापगढ़- 41- 74
बारां- 41- 81

बांसवाड़ा- 27- 46बाड़मेर- 68- 154बीकानेर- 66- 229बूंदी- 38- 135भरतपुर- 194- 177भीलवाड़ा- 74- 132राजसमन्द- 29- 48श्री गंगानगर- 84- 221सवाई माधोपुर- 94- 170सिरोही- 20- 42सीकर- 88- 159हनुमानगढ़- 58- 217

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कुल- 2942- 5043—–
ये है कारण: पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए होती है, लेकिन पुलिसकर्मियों के निजी स्वार्थ के कारण जब अपराधों में उनकी लिप्तता होने लगती है तो हालात बिगड़ते है। प्रदेश के कई जिलों में पुलिसकर्मियों के अपराधों में शामिल होने के कारण स्थितियां बदलती हैं, आइए जानते हैं कितने पुलिसकर्मी है जो अपराधों में इस तरह से सामने आए। सुखद ये है कि अब तक उदयपुर जिले में एक भी पुलिसकर्मी इस केटेगरी में शामिल नहीं हुआ है। ऐसे ही चूरू, झालावाड़, टोंक, डूंगरपुर, धौलपुर, नागौर, बांसवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, भीलवाड़ा, गंगानगर, सीकर व हनुमानगढ़ 0-0 हैं। यानी इन जिलों में किसी भी खाकीवर्दी धारी के अपराधियों के साथ सांठ-गांठ सामने नहीं आई है। बीते सात वर्षों में 71 पुलिसकर्मियों की अपराधों में संलिप्तता के मामले सामने आए हैं।

-2013 से 19 तक के आंकड़े जिला- अपराध से जुड़े पुलिसकर्मी अजमेर- 4अलवर- 01करौली- 04कोटा- 22चित्तौडगढ़- 02जयपुर- 14जालोर- 3जैसलमेर- 01जोधपुर- 3झुन्झुनूं- 03दौसा- 02पाली 01प्रतापगढ़ 01बारा- 1बाड़मेर- 1भरतपुर- 1राजसमन्द- 1स.माधोपुर- 3सिरोही- 1

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