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पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर में भाजपा व राज्य सरकार को घेरा और कहा पीएम जातिवाद से चिंतित, इधर ये बढ़ाने में जुटे

locationउदयपुरPublished: Jan 29, 2018 01:43:35 am

Submitted by:

Mukesh Hingar

-गहलोत रविवार को यहां अलका होटल में उपचुनाव के लिए प्रचार को शोर थमने के बाद मीडिया से रूबरू हुए।

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उदयपुर . पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को भाजपा और राज्य सरकार को जमकर घेरते हुए कहा कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कह रहे हैं कि देश में जातिवाद चिंताजनक है, वहीं राजस्थान में सरकार की मुखिया इसे बढ़ा रही है। गहलोत रविवार को यहां अलका होटल में उपचुनाव के लिए प्रचार को शोर थमने के बाद मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि पीएम की जातिवाद को लेकर चिंता की राजस्थान में जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है।
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सरकार की मुखिया उपचुनावों में जातियों के अनुसार ही समाजों की बैठकें ले रही हैं जिसका सीधा सा मतलब है कि जातिवाद को वह पनपा रही है जो सरकार की मुखिया को शोभा नहीं देता है। गहलोत ने आरोप लगाया कि राजस्थान की यह सरकार पूरी तरह घमंड से घिरी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा, भैरोंसिंह शेखावत के कार्यकाल की परम्परा को बदल दिया गया है, उनके समय में पक्ष और विपक्ष के अच्छे संबंध थे, कॉमन मुद्दे उठते थे। अब जो व्यवहार किया जा रहा है वह अफसोसजनक है। गहलोत ने उप चुनाव में भाजपा सरकार पर सरकारी मशीनरी पर पूरा दबाव बनाने का भी आरोप लगाया।
देश अब छठी लाइन को नहीं भूलेगा
गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को छठी लाइन में बिठाने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि देश अब छठी लाइन को नहीं भूलेगा। आने वाले समय में देश पहली पंक्ति वाले को भूल जाएगा।
मुझे उदयपुर में भेज दो, तब भी मंजूर
मुख्यमंत्री की दौड़ के सवाल पर गहलोत बोले कि उन्होंने 1977 में विधानसभा का टिकट जरूर मांगा। इसके अलावा कुछ नहीं मांगा लेकिन पार्टी ने बहुत कुछ दिया। वे बोले कि कई पदों पर काम कर चुका हूं, मैं अलग तरह का व्यक्ति हूं। उन्होंने कहा कि मैं कुछ मांगने वाला नहीं हूं, पार्टी जो जिम्मेदारी देगी उसे पूरा करूंगा। पार्टी कैम्प करने को उदयपुर भेज दे, वह भी मुझे मंजूर है। अंतिम समय तक सेवा करता रहूंगा।
पद्मावत विवाद के लिए भाजपा जिम्मेदार
गहलोत ने एक सवाल पर कहा कि पद्मावत फिल्म को लेकर विवाद राजनीतिक फायदे के लिए जान-बूझकर किया गया। इसके लिए भाजपा ही जिम्मेदार है, जो तमाशा हुआ वह अपने फायदे के लिए किया है, जबकि मिल-बैठकर इस विवाद को खत्म कर सकते थे। जो भावनाएं आहत हो रही थी, उनका समाधान निकाला जा सकता था।
कहीं मोदीमुक्त नहीं हो जाए देश
गहलोत बोले कि मोदी ने पहले ऐसा माहौल बनाया जैसे वे तारे तोड़ कर ले आते हैं लेकिन अब उनकी पोल खुल रही है। कांग्रेसमुक्त भारत की बात कहने वाले मोदी को गुजरात में जो झटका मिला है, कही देश मोदीमुक्त नहीं हो जाए।
झाला दूर दिखे
देहात अध्यक्ष लालसिंह झाला दिन में तो गहलोत के साथ नहीं थे लेकिन वे शाम को गिरिजा व्यास के घर पर जरूर दिखे। इससे पूर्व गत सप्ताह भी एयरपोर्ट पर झाला नहीं दिखे थे। कांग्रेस में चर्चा थी कि गहलोत से झाला दूरी क्यों बनाए हुए हैं। बाद में गहलोत पूर्व मंत्री गुलाबसिंह शक्तावत के घर पर भी गए और उनकी पत्नी के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
इस बार उदयपुर सीट जीतनी है
शाम को पूर्व केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास के घर पर कार्यकर्ताओं की बैठक में गहलोत ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार बनती है लेकिन हम उदयपुर शहर विधानसभा सीट हार जाते हैं। इस बार यह सीट भाजपा से छीननी है और इसके लिए सब-मिलकर बेहतर कार्य करें। इस बैठक में जिन वरिष्ठ पदाधिकारियों को बुलाया गया, उनमें से कई अनुपस्थित थे। इस बैठक में कांग्रेस से निष्कासित अजय पोरवाल, नजमा मेवाफरोश भी दिखे। इससे पूर्व गहलोत का शहर कांग्रेस अध्यक्ष गोपालकृष्ण शर्मा, पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, प्रदेश कांग्रेस सचिव पंकज कुमार शर्मा, देहात महिला अध्यक्ष सीमा चोरडिय़ा, निगम नेता प्रतिपक्ष मोहसिन खान, प्रवक्ता फिरोज अहमद शेख, कौशल नागदा, हेमंत श्रीमाली, भरत आमेटा आदि ने स्वागत किया।
सीपी और मेरी गुटबाजी का मुझे नहीं पता
इससे पूर्व अनौपचारिक चर्चा में जब सीपी जोशी व गहलोत में गुटबाजी पर सवाल पूछा गया तो गहलोत बोले, हमारी गुटबाजी थी क्या, मुझे ही नहीं पता। बाद में उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव सीपी, पायलट, मोहन प्रकाश, बीडी कल्ला, डूडी आदि नेता मिलकर लड़ रहे हैं फिर गुटबाजी कहां है। थोडे़-बहुत मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नहीं हैं। बाद में उन्होंने यह भी कहा कि साधु-संतों के भी अलग-अलग अखाड़े बने हुए हैं।
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