उन्होंने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य 0.6 वर्ष के बच्चोंए गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के पोषण स्तर में सुधार लानाए नवजात बच्चों में कम वजनए बच्चों में टिग्नापनए कुपोषण एवं रक्ताल्पता दर में अगले तीन वर्षों में उत्तरोतर कमी लाना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पोषण अभियान को जन आंदोलन के रुप में क्रियान्वित करने को लेकर सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक डॉण् तरू सुराणा ने अभियान के तहत की जा रही गतिविधियों के बारे में बताया।
पोषण माह में हो रही विविध गतिविधियां कलक्टर मल्लिक ने बताया कि सितंबर माह को मनाए जाने वाले पोषण माह के तहत विविध आयोजन हो रहे है। इनमें जमीनी स्तर के कार्यकर्ताआ द्वारा सघन भ्रमण कर प्रत्येक घर ;हर घर पोषण त्यौहार, संदेशों पर चर्चा एवं परामर्श के साथ सभी विभागों के समन्वित प्रयासों से जन सामान्य तक पोषण संदेशों को पहुंचाया जा रहा है। पोषण माह के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों की निगरानी भारत सरकार द्वारा डैशबोर्ड के माध्यम से की जा रही है।
READ MORE : चुनाव नजदीक आए तो दिखने लगा दिव्यांगों का दर्द प्रमुख विषय पोषण माह के दौरान प्रमुख विषयों एवं हस्तक्षेत्र के तहत गर्भावस्था के दौरान देखभाल ;एएनसीद्धए शीघ्र एवं सतत स्तनपानए उपयुक्त उपरी आहार, रक्ताल्पता, निमिया के स्तर में कमीए बच्चों की वृद्धि निगरानी, बालिका शिक्षा, उपयुक्त आहार एवं विवाह की सही उम्रए स्वच्छता एवं साफ सफाई, स्वस्थ खान-पान एवं खाद्य फोर्टिफिकेशन आदि पर चर्चा एवं परामर्श के साथ जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जा रही है।
उपलब्ध प्लेटफॉर्म कलक्टर ने बताया कि पोषण माह के दौरान ग्राम, विकासखंड एवं जिला स्तर पर समुदाय आधारित संगठनों के स्तर पर समुदाय आधारित गतिविधियों , गोद भराई एवं अन्नप्राशन का आयोजनए ग्राम स्वस्थ्य एवं पोषण दिवस का आयोजन, स्व सहायता समूहों की साप्ताहिक मासिक बैठकों में चर्चा, पोषण आधारित विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन तथा स्कूलोंं विद्यालयों में पोषण जागरूकता का आयोजन हो रहा है। वहीं विभिन्न सामाजिक पर्वों में भी अभियान का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।