अस्पताल में दो चिकित्सक भी नहीं
घटनाक्रम का अहम पहलू ये रहा कि झाड़ोल उपखण्ड मुख्यालय का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ब्लॉक का रेफरल अस्पताल है, जहां ब्लॉक अन्तर्गत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से मरीज आते हैं। मंगलवार को दो चिकित्सकों के संयुक्त मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के लिए 11 चिकित्सकों के पद वाले इस अस्पताल में दो चिकित्सक तक नहीं मिले। सीएचसी इंचार्ज डॉ. वर्दीचंद लगातार ब्लॉक के अन्य अस्पतालों से चिकित्सकों को बुलाने का प्रयास करते रहे, लेकिन दोपहर दो बजे तक सफलता नहीं मिली। मामला शांत होने के बाद आखिर पुलिस ने राहत की सांस ली। इससे पहले तक दोनों पक्षों के बीच बात नहीं बनने और पीहर पक्ष की ओर से आरोप लगाने की स्थिति में पुलिस अधिकारी असमंजस की स्थिति में थे।
READ MORE: जमनादास को किडनी तो मिली, ट्रांसप्लांट के खर्च ने अटकाया, हम‘दर्द’ बनने को आगे आए कई दानदाता यह था मामला
मादला पंचायत के नीचली लीलड़ी में शनिवार रात सुमित्रा देवी की कुल्हाडी के वार से हत्या करने के बाद विक्षिप्त पति प्रभुलाल मुसिया ने फंदा लगाकर जान दे दी थी। रविवार देर शाम पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर में रखवा। सोमवार दिनभर दोनों पक्ष के बीच वार्ता चली। दूसरे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था। मंगलवार सुबह परिजन झाड़ोल अस्पताल पहुंच गए। डीएसपी निरंजन चारण के निर्देशों पर फलासिया पुलिस ने झाड़ोल रेफरल अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाया। आखिर घटना के तीसरे दिन मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम हुआ।
मादला पंचायत के नीचली लीलड़ी में शनिवार रात सुमित्रा देवी की कुल्हाडी के वार से हत्या करने के बाद विक्षिप्त पति प्रभुलाल मुसिया ने फंदा लगाकर जान दे दी थी। रविवार देर शाम पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर में रखवा। सोमवार दिनभर दोनों पक्ष के बीच वार्ता चली। दूसरे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था। मंगलवार सुबह परिजन झाड़ोल अस्पताल पहुंच गए। डीएसपी निरंजन चारण के निर्देशों पर फलासिया पुलिस ने झाड़ोल रेफरल अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाया। आखिर घटना के तीसरे दिन मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम हुआ।