उदियापोल से गुलाबबाग रोड एसबीआई बैंक के आगे बरसों पूर्व लगा खंभा झुकने लगा तो निगम के कर्मचारियों ने इसके पास एक अन्य खंभा लगा दिया। खंभा झुका होने से तार आसपास के मकानों की खिड़कियों के पास से गुजर रहे हैं।
खंभों में दौड़ता है करंट
ढेबर कॉलोनी में बरसों पूर्व लगे लोहे के खंभों में बारिश के दौरान करंट दौड़ता है। टायर व्यवसायियों ने खंभों पर ट्यूब चढ़ाने के साथ ही आसपास टायर रखकर करंट से बचने का जुगाड़ कर रखा है।
शहर में कई जगह विद्युत की अंडरग्राउंड लाइन डाली हुई है। जगह-जगह निकले इसके बॉक्स के हाल बुरे हैं। कई जगह ये टूटे हुए हैं तो कुछ जगह खुले तार हादसों को इंतजार कर रहे हैं। इसमें सूरजपोल से ठोकर चौराहा, यूनिवर्सिटी रोड, सहेलियों की बाड़ी मार्ग सहित शहर के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मुख्य मार्गों पर खुले तार हैं।
शहर की तंग गलियों रावजी का हाटा, घंटाघर, किशनपोल, खांजीपीर, हाथीपोल, जगदीश चौक, भट्टियानी चौहटा, धोलीबावड़ी, मालदास स्ट्रीट सहित आसपास की गलियों में तारों के जाल देखे जा सकते हैं।
सराड़ा और मावली क्षेत्र में 20 जून को कार्य करते समय करंट की चपेट में आने से दो कर्मचारी घायल हो गए। सराड़ा के गोरासर में तीन कर्मचारी लाइन ठीक करने गए थे। इसके लिए शटडाउन भी लिया गया था। इस दौरान करंट आने से हेमपाल गुर्जर घायल हो गया। इसी दिन मावली में कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाला भैरूसिंह कस्तूरबा स्कूल के नजदीक लाइन पर काम करने के लिए गया था। इस दौरान वह करंट की चपेट में आ गया। कर्मचारी संगठनों ने आरोप लगाया कि दोनों हादसे अनुभवहीन ठेके के कर्मचारियों की लापरवाही से हुए।
शहर में कई जगह ट्रांसफार्मर के नीचे धड़ल्ले से व्यवसाय हो रहा है। इसमें देहलीगेट पर निर्माणाधीन पार्किंग के पास, कंट्रोल रूम के पास, शास्त्री सर्कल, शक्तिनगर, ठोकर चौराहा, उदियापोल, हाथीपोल, महासतिया के पास और कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर के पास तार और फ्यूज खुले पड़े हैं।
खरसाण गांव की मुख्य सडक़ पर 23 जुलाई को खेरोदा की ओर से आने वाली 11 केवी लाइन का तार टूट कर घरों पर गिर गया। घटना के समय कोई नीचे नहीं था वरना बड़ा हादसा हो सकता था। जब तार टूटा तब 11 केवी की सप्लाई भी चालू थी। लाइनमैन को जब फोन पर इसकी जानकारी दी तो उसने लाइन बंद करवाई। यह 11 केवी लाइन घरों के ऊपर से गुजर रही है। इसके आगे किसी ट्रांसफ ार्मर में कनेक्शन नहीं है।
वल्लभनगर थाना क्षेत्र के सिंधियों का बडग़ांव में 24 जुलाई को स्कूल की छुट्टी के बाद घर लौट रही सिमरन बानु (12) पुत्री शौकत मोहम्मद पर 11 केवी बिजली लाइन का तार टूटकर गिर गया। करंट से छात्रा की मौत हो गई। घटना के समय सिमरन के साथ दो अन्य छात्राएं भी थी, लेकिन वे बाल-बाल बच गई। यहां लंबे समय से बिजली का रख-रखाव नहीं किया गया था। ऐसे में तार लटक रहे थे और हादसा हो गया।
सिंहाड़-सवना मार्ग पर शनिवार सुबह बाइक लेकर मजदूरी पर जाते मायदा निवासी प्रभुलाल मीणा (30) पर
अचानक 11 केवी विद्युत लाइन का तार टूट कर गिर गया जिससे युवक की मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के बाद भी लाइन में करंट दौड़ रहा था।
खेमली तालाब के पास 7 जुलाई को निगम कर्मचारी राजकुमार मीणा उपभोक्ता की समस्या का निवारण करने गया था। इस दौरान करंट लगने से नीचे गिरा और मृत्यु हो गई। 23 जुलाई को रामपुरा क्षेत्र में बच्चन मीणा लाइन जांचने के लिए ऑपरेटिंग रोड लगाई तो तेज धमाके साथ वह नीचे आ गिरा।
समय पर रखरखाव हो तो तार टूटने की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। इसके बावजूद अगर तार टूटता है तो इसके जमीन पर टकराने के साथ ही एक सेकंड से भी कम समय में सप्लाई बंद होनी चाहिए। इसके लिए अर्थिंग प्रोपर होनी आवश्यक है। इस संबंध में केंद्रीय विद्युत प्राधिकारण ने नियम भी बना रखे हैं। इसके बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा। विनियामक आयोग ने विद्युत निगमों को उपभोक्ताओं को जागरूक करने और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के आदेश दिए हुए हैं, लेकिन इस दिशा में अब तक गंभीरता से काम नहीं किया गया है।
येवंती कुमार बोलिया, पूर्व अधीक्षण अभियंता, एवीवीएनएल।