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बेटियों की सुरक्षा को लेकर अलख जगाने में जुटा चिकित्सा विभाग, बेटियों के प्रति आमजन को करेगा जागरूक

locationउदयपुरPublished: Jan 10, 2018 07:22:03 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

उदयपुर . बेटियों की सुरक्षा को लेकर अलख जगाने में जुटा चिकित्सा विभाग अब समाज में उनकी उपस्थिति को ‘अनमोल’ बताते हुए विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से ‘डेप

security of daughters in udaipur
उदयपुर . बेटियों की सुरक्षा को लेकर अलख जगाने में जुटा चिकित्सा विभाग अब समाज में उनकी उपस्थिति को ‘अनमोल’ बताते हुए विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से ‘डेप रक्षक’ तैयार करने में जुटा है। चंद घंटों के प्रशिक्षण से ही तैयार होने वाले इन डेप रक्षकों से विभाग कन्या भू्रण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ बेटियों के प्रति आमजन को जागरूक करने की उम्मीदें जताने में भी जुट गया है।
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राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के निदेशक नवीन जैन ने प्रदेश भर में प्रस्तावित जनजागरूकता अभियान को लेकर उदयपुर में करीब ६१६ डेप रक्षकों को गीतांजली मेडिकल कॉलेज सभागार में मंगलवार शाम को ‘डॉटर्स आर प्रीसियस’ विषयक प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में युवाओं और गैर सरकारी संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों को ऑडियो-वीडियो प्रस्तावना के साथ अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई। डेप-२ प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पीसीपीएनडीटी अधिनियम से जुड़ी जानकारियां भी दी गई।
निदेशक जैन ने प्रशिक्षित डेप रक्षकों को आगामी २४ जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रदेश भर के स्कूलों, महाविद्यालयों, प्रशिक्षण संस्थानों में युवा वर्ग को बेटियां अनमोल हैं विषयक के प्रति जागरूकता संदेश देने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान बेटा-बेटी की समान सोच, पब्लिक स्पीकिंग एवं कम्यूनिकशन स्किल को लेकर भी गंभीरता से चर्चा हुई। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टाक, आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य, आईईसी प्रभारी मधु अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में विभागीय ओहदेदार मौजूद थे।
सहयोग का आह्वान
इससे पूर्व सुबह कलक्ट्रेट सभागार में गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ करीब डेढ़ तक बैठक कर निदेशक जैन एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने अभियान को सफल बनाने में निष्ठापूर्वक समर्थन मांगा। लडक़ा-लडक़ी एक समान, लिंगानुपात, मुखबिर योजना एवं अड़ोस-पड़ोस में अभियान के एजेंडे से जोडक़र निर्धारित आयोजन को सफल बनाने में सहयोग निभाकर पुण्य कमाने पर जोर दिया।
बोले, सुधारेंगे लिंगानुपात
निदेशक जैन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में वर्तमान लिंगानुपात १००० लडक़ों पर ९४२ लड़कियों का है। हाल ही एक अध्ययन के अनुसार ० से ६ वर्ष की उम्र के बीच लड़कियों का यह लिंगानुपात घटकर ८८८ का आ रहा है। जैन ने कहा कि अभियान सहित अन्य प्रयासों के माध्यम से २०२१ तक विभाग ८८८ वाले आंकड़े को ९४० पर लाने के लिए सक्रिय है।
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