scriptहिंसा और जुमलेबाजी से चल रही मोदी सरकार- यशवंत सिन्हा | Protest against NRC-CAA | Patrika News

हिंसा और जुमलेबाजी से चल रही मोदी सरकार- यशवंत सिन्हा

locationउदयपुरPublished: Jan 20, 2020 10:18:17 pm

Submitted by:

jitendra paliwal

गांधी संदेश यात्रा लेकर उदयपुर पहुंचे पूर्व भाजपा नेता ने कहा- संविधान की रक्षा करेंगे, धर्म के आधार पर देश नहीं बंटने देंगे, असल मुद्दों से ध्यान भटकाने एनआरसी-सीएए जैसे कानून लाई सरकार

हिंसा और जुमलेबाजी से चल रही मोदी सरकार- यशवंत सिन्हा

हिंसा और जुमलेबाजी से चल रही मोदी सरकार- यशवंत सिन्हा

उदयपुर. नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में गांधी शांति यात्रा लेकर उदयपुर पहुंचे पूर्व भाजपा नेता, पूर्व वित्त व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल जुमलेबाजी और ङ्क्षहसा पर चल रही है। इस वक्त देश को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार के काम का संदेश जनता तक पहुंच रहा है और आगामी वक्त में प्रबल ढंग से पहुंचेगा।
सिन्हा ने यहां पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि पिछले छह साल में मोदी सरकार ने हमेशा ऐसे काम किए जिससे सरकार के खिलाफ बनते माहौल से जनता का ध्यान भटकाया जाए। शासन में बैठे लोगों की सोच है कि समाज धर्म के आधार पर अगर बंटता है, तो इसका फायदा बहुसंख्यक वर्ग को मिलता है। प्रधानमंत्री ने झारखण्ड में कहा था कि ताजा नागरिकता कानूनों का कौन विरोध कर रहा है, उन्हें कपड़ों से पहचाना जाए। इसका मतलब उनका प्रयास है कि पूरी तरह से इसे साम्प्रदायिक रंग दिया जाए। इससे समाज में दुर्भावना फैलेगी और चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को फायदा मिलेगा।
पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं कि बंगाल में एक करोड़ अवैध बांग्लादेशी हैं। गृहमंत्री अमित शाह कहते हैं कि हम चुन-चुनकर घुसपैठियों को वापस भेजेंगे। बांग्लादेशी प्रधानमंत्री कहती हैं कि सीएए-एनआरसी गैर जरूरी है, मगर भारत का अंदरूनी मामला है। मोदी विदेशी दौरे पर शेख हसीना को आश्वस्त करते हैं कि बांग्लादेश को घबराने की जरूरत नहीं है, यह हमारा अंदरूनी मामला है। तो एक करोड़ लोग जाएंगे कहां? सरकार के अलग-अलग लोग देश के भीतर, देश के बाहर कितने मुंह से बोल रहे हैं, यह सोचने का विषय है। यह अलग बात है कि सरकार के पास बांग्लादेशियों के आधिकारिक आंकड़े नहीं है। बांग्लादेश के दो मंत्रियों ने जब कहा कि हम उन्हें लेने को तैयार हैं, तो सरकार उन्हें नजरबंदी शिविरों में रखने की बात कर रही है। सरकार का गेम है कि धर्म के आधार पर पहचान करो और उन्हें नजरबंदी शिविरों में भेज दो। देश का युवा, महिलाएं, सारे समुदाय के लोग नए कानून का विरोध कर रहे हैं।
सिन्हा ने गांधी शांति यात्रा के मकसद साझा करते हुए कहा कि हमने संकल्प किए हैं कि भारत के संविधान की रक्षा करेंगे, हम दोबारा गांधी के विचारों की हत्या नहीं होने देंगे, हम धर्म के आधार पर देश को बांटेंगे नहीं, एनआरसी लागू होने पर हम पहचान का कागज नहीं दिखाएंगे, सरकार चाहे तो हमें गैर नागरिक घोषित कर दे। हमारी यात्रा को कांग्रेस, सीपीआइ-सीपीएम, समाजवादी पार्टी और कई पार्टियां, सामाजिक संगठन सहयोग दे रहे हैं। अकोला महाराष्ट्र से 60 किसान भी इस यात्रा में साथ चल रहे हैं।

प्रताडऩा से कोई भागकर भारत आया यह कैसे साबित किया जाएगा?
सिन्हा ने सवाल उठाया कि कोई इन पड़ोसी देशों से धर्म के आधार पर प्रताडि़त होकर आया है, यह कैसे साबित किया जाएगा? इस कानून को लाने के पीछे मकसद देश की चरमराती आर्थिक स्थिति से ध्यान भटकाने का है। मोदी सरकार के आने के बाद सरकार ने करीब चार हजार लोगों को नागरिकता दी, जिसमें पाकिस्तान से 2530, बांग्लादेश से 172 और अफगानिस्तान से 912 लोग थे। 4 लाख 61 हजार श्रीलंकाई तमिलों को 2008 तक नागरिकता मिली। यूपीए सरकार ने गुजरात व राजस्थान के सीमावर्ती तीन-तीन जिले 1965 और 1971 की लड़ाई में भागकर आए लोगों को कलक्टरों के स्तर पर नागरिकता मिली। जब उन सभी को मौजूदा कानून से नागरिकता दी थी, यही कानूनी स्थिति थी, तो अलग से नागरिकता संशोधन बिल धर्म के आधार पर लाने की जरूरत क्यों पड़ी? यह कानून केशवानंद भारती के मामले के मुताबिक संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है। धर्म को नागरिकता का आधार बनाता है। जिस तरह इसकी भाषा लिखी है, वह धरातल पर उतारा ही नहीं जा सकता है।
बांग्लादेश-अफगानिस्तान से सम्बंधों को खतरा
धर्म आधारित हिंसा पाकिस्तान में ज्यादा होती है, यह नहीं होनी चाहिए। इस समस्या का समाधान पाकिस्तान के भीतर ही है। जब कभी वहां ऐसा होता है, दुनियाभर के देश इसे रोकने के लिए उस पर दबाव बनाते हैं कि अल्पसंख्यकों को प्रताडि़त नहीं करें। भारत, बांग्लादेश, अमरीका, यूरोप में भी धर्म के आधार पर प्रताडऩा हो रही है। पाकिस्तान से तो हमारा विभाजन के वक्त का समझौता है कि धर्म के आधार पर प्रताडऩा नहीं होगी। पाकिस्तान के साथ तो हमारा दोस्ताना रिश्ता कभी नहीं रहा, लेकिन बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हमारे सम्बंध एनआरसी-सीएए की वजह से बिगड़ जाएंगे।
हिंसा की न्यायिक जांच हो
सिन्हा ने कहा कि एनआरसी-सीएए के विरोध में भाजपा शासित राज्यों में ज्यादा हिंसा क्यों हुई, इसकी निष्पक्ष-न्यायिक जांच त्वरित हो। दोषियों को दंडित की जाए। ये हिंसाएं राज्य सरकार की तरफ से हुई। जेएनयू की हिंसा भी जांच की जाए। कंसर्न सिटीजन्स गु्रप के साथ काम करके हम कश्मीर में भी लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि लोग वहां सरकार से खुश नहीं हैं। मैं 5 अगस्त के बाद बाकी सहयोगियों के साथ वहां गया, तो श्रीनगर से बाहर नहीं जाने दिया। जबरन प्लेन में बैठा दिया गया। फिर हम नवम्बर में गए। उस वक्त भी हमें होटल में नजरबंद रख रखा गया।
किसानों की अनदेखी से गिरी अर्थव्यवस्था
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि आर्थिक मंदी की शुरुआत कृषि क्षेत्र से हुई। सरकार ने किसानों की उपेक्षा की, जिससे उनकी आमदनी कम हुई। उन्होंने खर्च करना कम किया। डिमांड में कमी आने से यह समस्या फैलती गई। उन्होंने नोटबंदी पर सरकार के दावों को भी झूठा बताया और कहा कि छोटे उद्योगों में गिरावट आई। अगर पूर्ववर्ती सरकार में समस्याएं थीं, तो आप अपनी नीतियां-कार्यक्रम लागू करते। पांच-छह साल बाद देश भयंकर मंदी में आ जाए, तो आप किसे दोषी ठहराएंगे, नेहरू को? वर्तमान सरकार का यह दूसरा कार्यकाल है। पांच साल में इतनी गलत नीतियां बनाई। हर आदमी जानता है नोटबंदी और गलत ढंग से लागू किया गया जीएसटी। उन्होंने निर्मला सीतारमण पर भी आरोप जड़ा कि वित्तमंत्री की दिलचस्पी अर्थव्यवस्था सम्भालने में कम ही है।
अब कौनसे चौराहे पर आएंगे मोदी?
प्रधानमंत्री ने गोवा में नोटबंदी के दिन कहा था मुझे 50 दिन दो, जिस चौराहे पर कहोगे मैं आकर खड़ा हो जाऊंगा। रिजर्व बैंक ने आकलन किया कि जितने प्रचलन में थे, उससे ज्यादा नोट जमा हो गए। मोदी बताएं अब किस चौराहे पर चर्चा हो इसके बारे में?
भाजपा का चरित्र बदल गया, मैंने पार्टी छोड़ दी
भाजपा छोडऩे की वजह पूछने पर सिन्हा ने कहा कि भाजपा का चरित्र बदल गया। अटल-आडवाणी के समय की भाजपा अब नहीं रही। इसलिए उस पार्टी में रहना-जीना दूभर हो गया था। मेरा मकसद साफ था। मैंने और कोई पार्टी ज्वॉइन नहीं की। सिन्हा के उदयपुर दौरे में वल्लभनगर विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत, कांग्रेस नेता लाल सिंह झाला, पीसीसी सचिव पंकज शर्मा व कई लोग साथ थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो