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इन तीन आरोपियों ने धोखाधड़ी का अपनाया ऐसा तरीका कि आप भी रह जाएंगे दंग…

locationउदयपुरPublished: Mar 15, 2019 01:27:05 pm

न्यायालय ने तीनों को सुनाई कठोर सजा

मोहम्मद इलियास/उदयपुर. धोखाधड़ी से जमीन हड़पने के तीन आरोपियों को न्यायालय ने तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास व एक-एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। प्रतापनगर थाने में 14 अगस्त 2003 को दौला भील ने पुलिस अधीक्षक को आरोपी फोकराफला देबारी निवासी लखा पुत्र मोती भील, नलाफला देबारी निवासी गेहरीलाल पुत्र कीका गमेती व माताजी का खेड़ा देबारी दौलतसिंह पुत्र नवलसिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दी थी। बताया कि मौजा देबारी तहसील गिर्वा में परिवादी व अन्य की सह खातेदारी की भूमि है जिसे लखा भील ने 18 मार्च 1983 को 25 सौ रुपए में बेचान कर कब्जा परिवादी के सुपुर्द किया था। परिवादी का कहना है कि तब से वह जमीन पर उसके कब्जे में है लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन लखा के नाम ही दर्ज है। प्राथमिकी में बताया कि परिवादी का भाई हीरा अपने साथी तुलसीराम के साथ पत्थर खदान में काम कर रहा था। उस दौरान आरोपी खाली स्टॉम्प लेकर हीरा के पास पहुंच गए। उन्होंने हीरा को कहा कि हमें तुम्हारे भाई दौला ने भेजा है, तुम्हारी मां की मृत्यु हो चुकी है, जमीन का नामांतरण खोलना है जिससे स्टॉम्प पर अंगूठा या दस्तखत कर दो। हीरा ने मना किया आरोपियों ने जबरन अंगूठा लगवाकर ले गए। बाद में वे परिवादी की बहन के खेमपुरा स्थित मकान पर गए और उस पर भी हस्ताक्षर के लिए दबाव बनाया। मना किया तो बहन को भी आरोपी धमकाकर जबरन अंगूठा लगवाकर ले गए। जब तीनों भाई-बहन मिले तो उन्होंने इस पर चर्चा की। धोखाधड़ी का पता चलने पर परिवादी ने इसकी शिकायत एसपी से की।
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पुलिस जांच के बाद तीनों आरोपियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। चालान पेश होने पर सहायक लोग अभियोजक रूबिना बानू ने आवश्यक दस्तावेज व गवाह पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-3 के पीठासीन अधिकारी कृष्णा राकेश कांवत ने आरोपियों को धारा 420 में तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास व एक-एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

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