विभागीय कायदे बताकर वह संवेदकों के स्तर पर किए जा रहे विरोध की जानकारी उच्चाधिकारियों को देकर जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ रहे हैं। गौरतलब है कि केंद्र के बाद प्रदेश सरकार ने लागू जीएसटी के बीच निर्माण कार्यों में संवेदकों की योग्यता सुनिश्चित करते हुए नए मानदण्डों का गत दिनों ही गठन किया है।
चहेतों को यूं मिलेगा लाभ : मापदंड तय कर विभाग ने मनमानी नीति लागू कर दी है। कार्यक्षमता और टर्न ओवर के दायरे में आने वाले अनचाहे संवेदक को विभाग प्रतिनिधि सामग्री उपयोग एवं उनकी गुणवत्ता क्षमता के नाम से निविदा शर्तों से बाहर कर सकता है। यह अधिकारी विभाग के ओहदेदारों के पास सुरक्षित रहेंगे।
चहेतों को यूं मिलेगा लाभ : मापदंड तय कर विभाग ने मनमानी नीति लागू कर दी है। कार्यक्षमता और टर्न ओवर के दायरे में आने वाले अनचाहे संवेदक को विभाग प्रतिनिधि सामग्री उपयोग एवं उनकी गुणवत्ता क्षमता के नाम से निविदा शर्तों से बाहर कर सकता है। यह अधिकारी विभाग के ओहदेदारों के पास सुरक्षित रहेंगे।
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कहता है केंद्रीय कायदा सीआरएफ (सेंट्रल रिलीफ फंड) एवं नेशनल हाई-वे के लिए 5 करोड़ के ऊपर के निर्माण कार्यों को लेकर केंद्र के योग्यता मापदंड तय किए हुए हैं। इसके तहत ठेकेदार संबंधित प्रकृति के कामों का 40 फीसदी तक कार्य किया होना चाहिए और निर्माण लागत का 40 ही फीसदी टर्नओवर होना चाहिए। इसी तरह पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़ योजना) में प्रकृति से जुड़े कार्य में एक-तिहाई कार्य अनुभव एवं अन्य शर्तें तय की है। विशेष बात यह है कि क्वाटिंटी क्षमता के हिसाब से केंद्र ने संवेदकों की कोई योग्यता तय नहीं की।
कहता है केंद्रीय कायदा सीआरएफ (सेंट्रल रिलीफ फंड) एवं नेशनल हाई-वे के लिए 5 करोड़ के ऊपर के निर्माण कार्यों को लेकर केंद्र के योग्यता मापदंड तय किए हुए हैं। इसके तहत ठेकेदार संबंधित प्रकृति के कामों का 40 फीसदी तक कार्य किया होना चाहिए और निर्माण लागत का 40 ही फीसदी टर्नओवर होना चाहिए। इसी तरह पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़ योजना) में प्रकृति से जुड़े कार्य में एक-तिहाई कार्य अनुभव एवं अन्य शर्तें तय की है। विशेष बात यह है कि क्वाटिंटी क्षमता के हिसाब से केंद्र ने संवेदकों की कोई योग्यता तय नहीं की।
प्रदेश का ‘झुनझुना’
दूसरी ओर प्रदेश में विभाग ने भवन निर्माण से जुड़े कामों में क्वाङ्क्षटटी क्राइट एरिया बनाकर 33.33 फीसदी सामग्री जैसे रेत, सीमेंट, मिट्टी, पत्थर की क्षमता का अनुभव मांगा है। इसी तरह स्टेट हेड रोडवर्क (सडक़ निर्माण) के लिए 1.5 करोड़ से 5 करोड़, पांच से 20 करोड़ और 20 करोड़ से अधिक लागत वाले निर्माण कार्य को लेकर क्रमश: 33.33, 50 और 70 फीसदी साम्रगी उपयोग क्राइट एरिया तय कर दिया है।
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अफसरों को भेजा
संवेदक संगठन की ओर से मामले में विरोध दर्ज कराया गया है। चूंकि मामला उच्च स्तर का है। इसलिए उच्चाधिकारियों को इससे अवगत करा दिया गया है।
मांगीलाल वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, उदयपुर
अफसरों को भेजा
संवेदक संगठन की ओर से मामले में विरोध दर्ज कराया गया है। चूंकि मामला उच्च स्तर का है। इसलिए उच्चाधिकारियों को इससे अवगत करा दिया गया है।
मांगीलाल वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, उदयपुर