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बच्चे तो बच्चे, गुरुजी भी नहीं जानते ये क्यूआर कोड क्‍या बला है..

locationउदयपुरPublished: Jul 18, 2019 08:00:57 pm

Submitted by:

madhulika singh

– किताबों में पहली बार क्यूआर कोड QR Code In Books का नवाचार, शिक्षकों ने अभी तक घोर से नहीं देखी किताबें

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बच्चे तो बच्चे, गुरुजी भी नहीं जानते ये क्यूआर कोड क्‍या बला है..

चंदनसिंह देवड़ा/उदयपुर . सरकारी विद्यालयों की पाठ्य पुस्तकों में पहली बार नवाचार करते हुए प्रत्येक पाठ के साथ क्यूआर कोड दिया गया ताकि शिक्षक और छात्र इसके बारे में गहराई से पढ़ सकें। जुलाई का पहला पखवाड़ा बीत गया है और अधिकतर स्कूलों में किताबें भी पहुंच गई है लेकिन किसी ने किताबें खोलकर ढंग से नहीं देखी। बच्चे तो बच्चे,कई शिक्षकों को यह पता नहीं है कि क्यूआर कोड QR code In Books क्या होता है और इसका उपयोग कैसे करते हैं। आश्चर्य तो यह है कि कुछ विद्यालयों में एक-दो पाठ पढ़ा भी दिए गए हैं, इसके बावजूद शिक्षकों को इनके बारे में जानकारी नहीं है जबकि हर विषय की किताब के शुरुआती दो पेज पर दीक्षा एप डाउनलोड कर उससे क्यूआर कोड को स्कैन कर पढ़ाने संबंधी निर्देश दे रखे हैं।
बच्चे समझ रहे मांडणा, शिक्षक भी अनजान
पत्रिका टीम बुधवार को राउमावि रेजिडेंसी स्कूल की रेगर कॉलोनी शाखा में पहुंची। कक्षा एक से 8वीं तक में 42 बच्चे नामांकित हैं जिसमें से 18 उपस्थित थे। दो स्कूली बच्चियों से किताब मंगवाकर क्यूआर कोड के बारे में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जता दी। एक छात्रा इसे मांडणा जैसा चित्र समझ बैठी, वहीं शिक्षिकाओं से जब इस बारे में पूछा तो वे भी ढंग से कोई जवाब नहीं दे सकी। एक शिक्षिका ने निर्देश वाले पेज को टटोल कर बताया कि यह क्यूआर कोड है लेकिन इसका उपयोग पढ़ाने में कैसे होगा, यह नहीं पता। एक शिक्षिका ने कोड को उदयपुर लिखा होना बताया।
डिजिटल पाठ्य सामग्री के लिए एप
कक्षा 8वीं तक के बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं होते हैं। ऐसे में वे दीक्षा एप का उपयोग कर क्यूआर कोड स्कैन नहीं कर सकते हैं। वे अभिभावकों की मदद और शिक्षकों के जरिये ही डिजिटल पाठ्य सामग्री का विस्तृत अध्ययन कर सकते हैं लेकिन जब इसके बारे में जानकारी का अभाव है तो यह नवाचार कैसे कारगर होगा।
इनका कहना….
किताबों में क्यूआर कोड के बारे में जानकारी नहीं है कि कैसे उपयोग करना है। नई शुरुआत है, इसे समझकर सीखना पड़ेगा।

महेन्द्र सिंह, शिक्षक प्राथमिक विद्यालय आग डोडिया
पाठ्यपुस्तकों में जो भी संशोधन होते हैं और उनको किस तरह से पढ़ाना है, इस बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। सरकार ने इस बार प्रशिक्षण नहीं दिया। ऐसे में ऐसी दिक्कत पेश आ रही है।
शेरसिंह चौहान, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान पंचायतीर राज एवं कर्मचारी संघ

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