आमान परिवर्तन की परियोजना में खारवा चांदा-जावर माइंस टनल सबसे बड़ी है। करीब 800 मीटर की इस टनल के लिए रेलवे ने बुधवार को निविदा आमंत्रित की गई है जिसे 28 जून को खोला जाएगा। इसके बाद टनल की खुदाई का कार्य शुरू होगा। रेलवे सूत्रों के मानें तो टनल खुदाई का कार्य दिसंबर 2018 तक शुरू होगा और इसमें करीब दो वर्ष का समय लगेगा।
READ MORE : स्मैक पीने को रुपए नहीं मिले तो उदयपुर में एक भाई ने दूसरे भाई की कर दी हत्या यहां बनेगी टनल जानकारी के अनुसार 250 मीटर लम्बी पुरानी टनल के समानांतर इंगटवाड़ा पंचायत के बगुरवा और ओड़ा के बीच करीब 800 मीटर की टनल तैयार की जाएगी। इस पर करीब 46 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह भूमि वन विभाग के कालीघाटी (मनयल) वन रेंज में उपलब्ध करवाई गई है।
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टनल का निर्माण आधुनिक मशीनों ने नहीं होकर ब्लास्ट के जरिये होगा। ब्लास्ट से टनल की खुदाई करने में काफी समय लगता है। साथ ही ब्लास्ट से कमजोर हुए पत्थरों को साफ करने के साथ ही हाथों-हाथ मरम्मत भी करनी पड़ती है। वैसे उदयपुर और हिम्मतनगर के बीच कई जगह पर काम अधूरा पड़ा है। कई जगह अर्थवर्क भी बाकी है। ऐसे में वर्ष 2019 तक काम पूरा होने की उम्मीद की ही है।
टनल का निर्माण आधुनिक मशीनों ने नहीं होकर ब्लास्ट के जरिये होगा। ब्लास्ट से टनल की खुदाई करने में काफी समय लगता है। साथ ही ब्लास्ट से कमजोर हुए पत्थरों को साफ करने के साथ ही हाथों-हाथ मरम्मत भी करनी पड़ती है। वैसे उदयपुर और हिम्मतनगर के बीच कई जगह पर काम अधूरा पड़ा है। कई जगह अर्थवर्क भी बाकी है। ऐसे में वर्ष 2019 तक काम पूरा होने की उम्मीद की ही है।