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बेमौसम बारिश से किसानों के अरमानों पर बरसे ओले , कुदरत ने मुंंह को आया निवाला भी छीना

locationउदयपुरPublished: Mar 28, 2020 11:03:22 pm

Submitted by:

madhulika singh

किसानों के खेतों में ईसब, जीरा, चना एवंं गेहूं की खड़ी फसल व खलिहान में एकत्रित फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंंचा

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मेनार. वल्लभनगर उपखण्ड क्षेत्र में गत रात्रि में हुई बारिश ने किसानों के अरमानों को नेस्तनाबूद कर दिया। महीनों की कड़ी मेहनत के बाद खेतो में पककर तैयार हुआ फसल कुछ देर की बारिश ने बर्बाद कर दी। यही नहींं बारिश के साथ पकी हुई फसल पर ओले शोले की तरह गिरे जिसे खेतोंं में कटाई कर दाना निकालने के लिए रखी फसल भीग गई । वहींं खेतोंं में खड़ी फसल के दाने ओलोंं से बिखर गए। उपखण्ड क्षेत्र के मेनार , नवानिया , रुंडेड़ा , खेड़ली , बरोडिया , भोपाखेड़ा , अमरपुरा खालसा , बांंसड़ा , केदारिया , बामणिया रामा खेड़ा , कुंथवास आदि गांवोंं में गत रात्रि को बिजली की चमक के साथ कई स्थानों पर तेज बारिश हुई। वहींं कुछ इलाक़ोंं में बेर के आकार के गिरे ओलों से किसानों के खेतों में ईसब, जीरा, चना एवंं गेहूं की खड़ी फसल व खलिहान में एकत्रित फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंंचा है। पहले से ही कुछ दिनों पूर्व हुई बारिश से फसल भीग गयी और रही कसर इस बारिश ने पूरी कर दी। मेनार कस्बे में रात्रि 9 बजे आधे घण्टे मूसलाधार बारिश के बाद रात्रि पौने एक बजे से अल सुबह पौने 5 बजे तक रुक रुककर बारिश जारी रही। बारिश व ओलो के चलते फसल नष्ट के मंजर को खेतों में बैठे किसान बेबस होकर देखते ही रह गए। किसानों ने बताया कि क्षेत्र मे किसानों ने हजारों रुपए लगाकर नलकूप के पानी से रबी फसल में जीरा व ईसब की खेती की थी, जो कि परिपक्व अवस्था में थी। उन्होंने बताया कि एक और कोरोना वायरस संकट के चलते फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में अपने परिवार के सदस्य ही कड़ी मेहनत कर फसल कटाई का कार्य में जुटे हुए थे, लेकिन प्रकृति के प्रकोप ने उनका मुंह आया निवाला छीन लिया। उन्होंने बताया बारिश ने खेतों में भारी तबाही मचा कर रख दी। उनकी खेती पूरी तरह से नष्ट हो गई। ऐसे में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है तथा क्षेत्र के किसान कर्ज तले दब गए हैं।
अफीम के डोडे काले पड़े : क्षेत्र में अफीम की लुवाई का कार्य अंतिम चरण में है । ऐसे में जिन खेतो में लुवाई का कार्य हो गया है उस फसल में डोडे तोड़ने का कार्य बाकी रहा है ऐसे में बेमौसम बारिश से अफीम के डोडे गीले हो गए है वही जंहा चिरा लगाया था वहां अफीम धूल गयी। अफीम डोडो के नमी पकड़ने से अब इनके गलकर सड़ने की संभावना बढ़ गयी वही डोडे पीले से काले पड़ गए। अफीम किसानों को भी जबरदस्त नुकसान हुआ है।
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