तब वसुंधरा राजे-गुलाबचंद कटारिया आमने-सामने हो गए…
उदयपुरPublished: Jan 13, 2019 04:26:56 pm
– नेता प्रतिपक्ष चुने कटारिया
तब वसुंधरा राजे-गुलाबचंद कटारिया आमने-सामने हो गए…
मुकेश हिंगड़/उदयपुर. बात मई 2012 की थी जब विपक्ष की नेता वसुंधरा राजे व भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया आमने-सामने हो गए। बात इतनी बिगड़ गई कि तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मामला सुलझाने के लिए वरिष्ठों को जिम्मेदारी दी थी। बात ऐसी हो गई कि गुलाबचंद कटारिया अपने गढ़ मेवाड़ से एक रथयात्रा निकालना चाहते थे, उस रथयात्रा को लेकर वसुंधरा राजे ने चेतावनी देते हुए इतना कह दिया कि उनकी बात नहीं मानी गई तो वे इस्तीफा दे देंगी। तब भाजपा की कोर कमेटी की बैठक चल रही थी उस समय कटारिया की रथयात्रा को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। किसी समय में कटारिया की खास माने जाने वाली मेवाड़ से आने वाली भाजपा नेता किरण माहेश्वरी भी वसुंधरा राजे के साथ थी। भाजपा के सूत्र कहते है कि तब उस कमेटी की बैठक को छोड़कर वसुंधरा राजे निकल गई और उनके चेहरे से साफ तौर पर नाराजगी दिखी, उन्होंने रथ रोकने की बात कहते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो मुझे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए। उसी दरम्यान कटारिया ने भी बाहर आकर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगर मेरी यात्रा से राजे इस्तीफा देती है तो संगठन के लिए मै अपनी यात्रा निरस्त करता हूं, कटारिया ने स्वयं को पार्टी का वफादार सिपाही तक बताया।