आठ में से तीन हॉट सीट
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के बीच मुकाबला है। 1985 के विधानसभा चुनाव में कटारिया को गिरिजा ने मात दी थी तो कटारिया भी बोल चुके उस समय तो इन्दिरा लहर थी, असली मुकाबला तो अब है। कटारिया के साथ रहने वाले दलपत सुराणा भी जनता सेना के बैनर से मैदान में है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के बीच मुकाबला है। 1985 के विधानसभा चुनाव में कटारिया को गिरिजा ने मात दी थी तो कटारिया भी बोल चुके उस समय तो इन्दिरा लहर थी, असली मुकाबला तो अब है। कटारिया के साथ रहने वाले दलपत सुराणा भी जनता सेना के बैनर से मैदान में है।
वल्लभनगर
रणधीर सिंह भींडर ने पांच वर्ष पूर्व निर्दलीय जीतकर अपनी पूर्व पार्टी भाजपा को आईना दिखाया था। रणधीर फिर मैदान में है। इस बार मुकाबला जनता सेना के रणधीर सिंह भींडर, पूर्व संसदीय सचिव गजेन्द्र सिंह शक्तावत व भाजपा के नए चेहरे उदयलाल डांगी के बीच है।
रणधीर सिंह भींडर ने पांच वर्ष पूर्व निर्दलीय जीतकर अपनी पूर्व पार्टी भाजपा को आईना दिखाया था। रणधीर फिर मैदान में है। इस बार मुकाबला जनता सेना के रणधीर सिंह भींडर, पूर्व संसदीय सचिव गजेन्द्र सिंह शक्तावत व भाजपा के नए चेहरे उदयलाल डांगी के बीच है।
सलूम्बर
यह इसलिए सीट हॉट बन गई क्योंकि यहीं से दावेदारी करते-करते पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य बन गए। वे ओहदा बढऩे के साथ ही चुनाव लड़ रहे हैं और इस दंगल में भाजपा की ओर से विधायक अमृतलाल मीणा के अलावा कांग्रेस की ही पूर्व प्रधान रेशमा मीणा भी बागी बनकर उतरी है।
यह इसलिए सीट हॉट बन गई क्योंकि यहीं से दावेदारी करते-करते पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य बन गए। वे ओहदा बढऩे के साथ ही चुनाव लड़ रहे हैं और इस दंगल में भाजपा की ओर से विधायक अमृतलाल मीणा के अलावा कांग्रेस की ही पूर्व प्रधान रेशमा मीणा भी बागी बनकर उतरी है।