भारतीय ट्रायबल पार्टी का गठन 2017 में गुजरात के छोटूभाई वासव ने किया था। भारत के निर्वाचन आयोग ने 9 अगस्त 2017 को बीटीपी को ऑटो रिक्शा प्रतीक आवंटित किया गया। यह पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव में भी दो सीटों पर जीतने में सफल रही है।
ऐसे बदला दक्षिण की बड़ी सीटों का गणित – चौरासी सीट
डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट भाजपा के लिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि दो बार के विधायक व भाजपा सरकार में मंत्री रहे सुशील कटारा को मात देकर जीत दर्ज की। बीटीपी के राजकुमार रोत ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुशील कटारा को 12934 वोट से हराया। कटारा को 51185 वोट मिले।
– आसपुर सीट
बीटीपी प्रत्याशी उमेश ने भाजपा के मौजूदा विधायक गोपीचन्द मीणा को कड़ी टक्कर दी। गोपीचन्द को 56714 वोट मिले। उमेश को 51732 वोट मिले।
– सागवाड़ा
कांग्रेस के भीखाभाई से जुड़ी रही यह सीट शुरू से ही राजनीतिक सुर्खियों में रही है। बाद में यहीं कनकमल कटारा भी मंत्री पद तक पहुंचे हैं। बीटीपी के रामप्रसाद (64,119) ने भाजपा के शंकरलाल 4582 वोट से पराजित किया। इस सीट पर पिछली बार विधायक रही कनकमल कटारा की पुत्रवधु अनिता कटारा ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर निर्दलीय डंका बजाया था। अनिता को 10140 वोट मिले।
कुछ नहीं किया 70 साल तो उतरना पड़ा मैदान में
संविधान की धारा 244-1 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को अनुसूचित क्षेत्र का गार्जियन बनाया गया। उन्हें विशेष अधिकार दिए गए, लेकिन गत 70 वर्ष में कुछ नहीं हुआ। इसीलिए पार्टी का गठन हुआ। पहली बार राजस्थान में चुनाव लड़ तीन माह की तैयारी में हम दो सीट लाए हैं। — डॉ. वेलाराम घोघरा, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय ट्राइबल पार्टी