स्मृति शेष : किरण ने 1993 दिल्ली में प्रतिबंधित रैली में गिरफ्तारी दी थी
दीदी के नाम से जानी जाती थी

उदयपुर. पूर्व मंत्री व राजसमंद विधायक विधायक किरण माहेश्वरी भाजपा कार्यकर्ताओं में 'दीदी' के नाम से जानी जाती थी। कार्यकर्ता व जनता के सुखदुख में सहभागिता उनके व्यक्तित्व की बड़ी विशेषता थी।
किरण की पार्थिव देह एम्बुलेंस से रवाना, रात तक उदयपुर पहुंचेगा
उदयपुर के पूर्व पार्षद विजय प्रकाश विप्लवी कहते है कि उनसे जुड़ी एक घटना सदैव अविस्मरणीय रहेगी। सितम्बर 1998 में जब वे उदयपुर नगर परिषद् सभापति थी, तब मैं गंभीर अवस्थ हो गया। मुझे स्वयं हवाई जहाज से मुम्बई के बॉम्बे हॉस्पीटल ले गई और उपचार करवाया। मेरे स्वयं के कहने के बाद ही तीन दिन बाद वो उदयपुर लौटी। किरण जी से मेरा परिचय 1991 में हुआ, जब वे महिला मोर्चा की देहात जिलाध्यक्ष बनी।
VIDEO : किरण नहीं रही यह सुनकर किसी को एकाएक विश्वास नहीं हुआ
सन् 1991 में कश्मीर में तिरंगा फहराने के लिये हुई एकता यात्रा में वे सक्रिय रही। विप्लवी बताते है कि विश्व हिन्दू परिषद् की दुर्गा वाहिनी की सदस्य के रुप में कार्य प्रारंभ करने के बाद किरण पार्षद का चुनाव जीतकर सभापति, सांसद्, विधायक, मंत्री के साथ ही भाजपा में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न दायित्वों पर रही। कारसेवा के बाद 25 फरवरी 1993 को सरकार द्वारा प्रतिबंधित दिल्ली रैली में उन्होनें दिल्ली पहुंचकर गिरफ्तारी दी। 1994 में वे उदयपुर के सेक्टर 4-5 से पार्षद का चुनाव जीतकर उदयपुर नगर परिषद् की सभापति बनी। विप्लवी कहते है कि इस चुनाव में हिरणमगरी के वार्डों में उनके साथ काम करने अवसर मिला।
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