मुकेश हिंगड़ उदयपुर. वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई गुरुवार को उदयपुर आए। उन्होंने यहां की प्रकृति को निहारा और इसे सहेजने की बात कही। पुरोहितों का तालाब पहुंचे और किनारे पर रेलिंग लगाने की सलाह दी। घर-घर औषधि योजना को लेकर बोले कि रोड मैप तैयार करके योजना पर काम करें। उनसे स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मिले और अपनी बात रखी। राज्यमंत्री बिश्नोई फिर जालौर के लिए निकल गए।
गुरुवार को उन्होंने वन मंडल उत्तर के वन क्षेत्रों में कैम्पा योजना तथा अन्य मद में कराये गये विकास कार्यों का निरीक्षण किया। वन मंत्री ने कहा कि उदयपुर की इस धरा पर प्रकृति की विशेष कृपा है, वन विभाग इसको सहेज कर रखे। उनको वन अधिकारियों ने बताया कि बोरडी आरक्षित वन क्षेत्र में कैम्पा योजना में गत 4 वर्षों में 3340 मीटर पक्की दीवार के निर्माण कार्य एवं इससे 145 हैक्टर वन क्षेत्र में वन विकास किया गया। विश्नोई ने अम्बेरी स्थित मेवाड़ जैव विविधता पार्क में पीपल के पौधा लगाया। उन्होंने वन खण्ड अंबेरी में 160 हैक्टर वनक्षेत्र में विभिन्न मद में कराए गए कार्यों टॉल प्लान्ट, एनिकट, गेबियन, फाइकस जॉन, एडवेंचर्स गतिविधियां, जीप लाईन, ट्री वॉक, चिल्ड्रन गार्डन, टिकिट गेट, हैरिटेज गेट, ईको ट्रैल्स, ट्री मचान, टॉयलेट ब्लांॅक, कमल तलाई, पार्क ऑफिस, नॉलेज बैंक, वॉटर हॉल कार्यों का निरीक्षण किया।
तालाब से लेकर पराया की भागल का दौरा वन मंत्री ने पुरोहितों का तालाब का भी अवलोकन किया। वनमंत्री ने स्थानीय अधिकारियों को तालाब किनारे सीढिय़ों पर रेलिंग लगाने के निर्देश दिए। डीएफओ ने बताया कि वन विभाग द्वारा वन सुरक्षा एवं प्रबंध समिति अंबेरी के माध्यम से पुरोहितों का तालाब का प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है। वन मंत्री ने पराया की भागल का भी दौरा किया, यहां वनखण्ड रामा में वर्ष 2019 में कैम्पा योजना अंतर्गत ए.एन.आर. मॉडल में 10 हजार पौधे रोपित किए गए थे। संभागीय मुख्य वन संरक्षक आर.के. सिंह, वन संरक्षक आर.के. जैन, उप वन संरक्षक बालाजी करी, सहायक वन संरक्षक देवेन्द्र कुमार तिवारी व क्षेत्रीय वन अधिकारी दिलीप गुर्जर मौजूद थे।
घर-घर औषधि योजना का बने रोड मैप वन मंत्री ने संभाग के वन अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने घर-घर औषधि योजना को लेकर पौध वितरण के लिए रोडमैप बनाकर परिवहन की व्यवस्था की पूर्ण तैयारी करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए स्थानीय भामाशाहों, उद्योगपतियों, औद्योगिकी ईकाईयों को इस योजना से जोडकऱ आर्थिक मदद लेने पर जोर दिया। पौधें वितरण कमेटी में स्थानीय जन प्रतिनिधियों तथा शिक्षा, पचायतीराज, आंगनबाड़ी, आयुर्वेद, कृषि, स्थानीय निकाय, आदि विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करते हुए इस योजना को सफल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने संभागाधीन सभी जिलों में दर्ज किए गए वन अपराध प्रकरणों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य वन संरक्षक सिंह वन संरक्षक जैन, डीएफओ मुकेश सैनी, करी, हरिणी वी., डीएफओ प्रतापगढ़ सुनील कुमार, बांसवाड़ा से डीएफओ एच. के. सारस्वत, डूंगरपुर के डीएफओ शशि उपांग, चित्तौडगढ़ डीएफओ सुगनाराम जाट, सहायक वन संरक्षक कन्हैया शर्मा आदि उपस्थित थे।
परसाद-सराड़ा में कार्य योजना बनाई जाए पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने वन मण्डल उदयपुर के अधीन परसाद, सराड़ा एवं खेरवाड़ा क्षेत्रों में पैंथर के स्थानीय निवासियों पर हमला करने की बढ़ रही घटनाओं से मंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि इसके लिए योजना बनाने को कहा ताकि जनहानि पर नियंत्रण हो सके। इधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य डॉ. विवेक कटारा ने विश्नोई से मिले और उनको वन क्षेत्रों के पास की ग्राम पंचायतो मे वर्षों से काबिज होकर निवासरत आदिवासियों को वन अधिकार के तहत पट्टे जारी करने की मांग की, इस दौरान पूर्व मंत्री डा. मांगीलाल गरासिया, झाड़ोल से सुनील भजात, नव मनोनीत पार्षद शैलेष मिश्रा आदि भी साथ थे।