कोरोना काल में अनाथ बच्चों के लिए बाल कल्याण योजना,शुरुआत होगी उदयपुर से
उदयपुरPublished: Jun 25, 2021 06:23:16 am
कोरोना काल में अनाथ बच्चों के लिए बाल कल्याण योजना,शुरुआत होगी उदयपुर से
Children doing work in boulders mine
मोहम्मद इलियास/उदयपुर
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि कोविड की वजह से बेसहारा हुए बच्चों की परवरिश और उनके उज्ज्वल भविष्य को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना की घोषणा की है। इस योजना का लाभ हर पात्र बच्चे तक पहुंचना चाहिए। जल्द ही राज्य सरकार बाल मित्र अभियान शुरू करने जा रही है। बाल अधिकारों के प्रति जनचेतना लाने के उद्देश्य से शुरू होने वाला यह यह राज्य स्तरीय अभियान उदयपुर से शुरू हो, ऐसी उनकी ख्वाहिश है।
बेनीवाल ने यह बात बुधवार को जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय बैठक के दौरान मौजूद अधिकारियों को कहीं। बेनीवाल यहां आयोग के सदस्य शिव नागा,डॉ.शैलेंद पंड्या के साथ संभाग के दौरे पर पहुंची थी। उन्होंने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सालयों में शिशुरोग विशेषज्ञों की वस्तुस्थिति जानी और इन चिकित्सालयों में जल्द से जल्द शिशुरोग विशेषज्ञों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
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तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए पूरी तैयारी
बेनीवाल ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेंटर की समीक्षा की। जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि उदयपुर जिले में ब्लॉक स्तर पर सीएचसी और पीएचसी को मजबूत बनाया जा रहा है। यहां पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन आपूर्ति, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है। जिले में उपखंड स्तर पर 13 कोविड केयर एंड कंसल्टेशन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इनमें ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर, कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं। इस दौरान आरएनटी प्राचार्य डॉ.लाखन पोसवाल व सीएमएचओ डॉ.दिनेश खराड़ी ने जिले में संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए किए गए विभागीय प्रयासों की जानकारी दी।
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पुनर्वास में शिक्षा विभाग की अहम भूमिकारू पण्ड्या
आयोग के सदस्य शैलेंद्र पंड्या ने कहा कि बालश्रम में लिप्त बच्चों के पुनर्वास में शिक्षा विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। एक बार रेस्क्यू करने के बाद बच्चे वापस बालश्रम में वापस न धकेले जाए, इसके लिए सभी विभागोंए एनजीओ को समन्वित प्रयास करने चाहिए। सदस्य शिव नागा ने कोरोना काल में कितने बच्चों की टीसी कटी और आरटीई एक्ट के तहत स्कूलों में प्रवेश की प्रगति जानी। नागा ने कहा कि किसी भी बच्चे को जबरन स्कूल से नहीं निकाला जा सकता। यदि किसी ने ऐसा किया है तो सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
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स्कूल खुलते ही पुलिस विभाग शुरू करेगा अभियान- एसपी
एसपी डॉ. राजीव पचार ने बताया कि स्कूल खुलते ही पुलिस विभाग स्कूलों में जाकर बच्चों को बाल अधिकारों और किशोर न्याय अधिनियम के बारे में जागरूक करने का वत्सल वार्ता अभियान शुरू किया जाएगा। एसपी ने बताया बालश्रम के प्रति जागरुकता लाने और बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। बैठक में जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू, एडीएम सिटी अशोक कुमार सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और यूनिसेफ व एनजीओ के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।