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VIDEO : पढ़िए एक अंधे पिता की तीन नेत्रहीन संतानें और सरकारी संवेदनहीनता की पोल खोलने वाली यह कहानी…

locationउदयपुरPublished: Jan 04, 2019 01:45:14 pm

अंधे पिता की तीन संताने भी नेत्रहीन

blind child

पढ़िए एक अंधे पिता की तीन नेत्रहीन संतानें और सरकारी संवेदनहीनता की पोल खोलने वाली यह खबर…

चन्दनसिंह देवड़ा/उदयपुर. एक अंधे पिता की तीन अंधी संतानों को सरकारी राहत की दरकार है। गरीब आदिवासी परिवार को जन्मजात अंधता ने ऐसा दंश दिया है कि वह अपना ठीक से गुजर बसर भी नहीं कर पा रहे है। बुजुर्ग दादा जैसे-तैसे अपने पुत्र और नेत्रहीन पोते-पौती का लालन पालन कर रहा है लेकिन सरकार की ओर से पेंशन समेत दी जाने वाली किसी भी योजना का लाभ पाने को ये तमाम कोशिशों के बाद तरस गए है। यह दर्दभरी कहानी उदयपुर जिले के कैलाशपुरी पंचायत स्थित मुणवास गांव के रहने वाले नाथूलाल गमेती के परिवार की है। इन बच्चों की जिंदगी के साथ विधाता ने तो मजाक किया ही लेकिन रही सही कसर सरकारी विभाग ने भी पूरी कर दी। सरकार और प्रशासन विकलांग और नेत्रहीनों को पेंशन देने के खूब ढींढोरा पीटता है लेकिन इन तीनों बच्चों के नेत्रहीन होने के बाद भी आज तक इनको पेंशन की फूटी कोड़ी तक नहीं मिली।
ऐसा नही है कि यह परिवार सरकारी मदद के लिए पंचायत,पंचायत समिति,ई-मित्र,न्याय आपके द्धारा शिविर में नही गया। पिछले कई सालों से यह चक्कर लगा रहे है लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी,जनप्रतिनिधि इनकी अंधेरी दुनिया में मदद की रोशनी नहीं दे पाया है।

मां गणेशी करती है लालन-पालन….

गरीब आदिवासी गमेती परिवार के मुखिया नाथू गमेती(62) के पुत्र दुर्गालाल की एक आंख नहीं है। वह छोटी मोटी मजदूरी ही कर पाता है। दादा बुजुर्ग है जिससे मजदूरी भी पूरी नहीं मिल पाती। बच्चो की मां गणेशी घर का काम कर इनके लालन पालन में ही जुटी रहती है। नाथू का पोता चुन्नीलाल (15) और पोती जेती (12) को दोनो आंखो से नहीं दिखता वहीं पोती इंद्रा (9) एक आंख से अंधी है जबकि उसके एक बहन ओर है। चुन्नीलाल बताता है कि उसके दादा ने पेंशन के लिए कितने ही पैसे उधार लाकर खर्च कर दिए लेकिन मदद नहीं मिली। वह गांव के स्कूल में पढऩे जाते है। कुछ पेंशन शुरू हो जाए तो गुजारा हो जाए।
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इनका कहना….

गरीब का कोई नहीं साहब…..

साहब पंचायत से लेकर बडग़ांव पंचायत समिति,ई-मित्र सब जगह दस्तावेज दिए, शिविरों में बच्चों को लेकर गया लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। सब कागज पूरे है लेकिन पेंशन शुरू नहीं हुई। अब तो आस ही खत्म हो गई,गरीब की कोई सुनने वाला नहीं है। – नाथू गमेती,मुणवास

अंधता की वजह से इन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बन पाए जिससे पेंशन शुरू नहीं हुई,न्याय आपके द्धार शिविर लगा तब भी गिर्वा उपखण्ड अधिकारी के सामने इन बच्चों को मदद दिलवाने ले गए लेकिन काम नहीं हो सका। — जसवंतसिंह, ग्राम विकास अधिकारी,कैलाशपुरी

आधार तो 2 अक्टूबर 2018 से ऑनलाइन किया गया उससे पहले पेंशन क्यों स्वीकृत नहीं हुई चौकानें वाली बात है। 40 प्रतिशत से ज्यादा अंधता पर नेत्रहीनों को पेंशन दी जाती है। इस परिवार को मेरे से सम्पर्क करवाएं पूरी मदद करूंगा। — गिरिश भटनागर, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उदयपुर
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