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फतहसागर जलग्रहण क्षेत्रों से हटाओ अतिक्रमण, हाइकोर्ट ने दिए आदेश

locationउदयपुरPublished: Dec 05, 2021 10:39:00 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

फतहसागर जलग्रहण क्षेत्रों से हटाओ अतिक्रमण, हाइकोर्ट ने दिए आदेश

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मोहम्मद इलियास/उदयपुर
राजस्थान हाईकोर्ट ने उदयपुर की फतहसागर झील के जलग्रहण क्षेत्र में एक रेस्टोरेंट संचालिका की याचिका खारिज करते हुए राज्य सरकार व अन्य एजेंसियों को खंडपीठ के पूर्ववर्ती आदेश की पालना में तत्काल आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश डॉ.पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता मीनल बोलिया की याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि प्रश्नगत मामले के अभिलेख का अवलोकन करने के बाद कोर्ट का मानना है कि याचिकाकर्ता रिकॉर्ड से कुछ भी इंगित करने में सक्षम नहीं है, जो कि एक विशेष भूमि पर रेस्टोरेंट चलाने के उसके दावे को सही साबित कर सके और न ही नगर निगम उदयपुर और अन्य दस्तावेज कोर्ट को संतुष्ट कर सकते हैं क्योंकि रेस्टोरेंट फतहसागर झील के महत्वपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र में स्थित है। पूर्व में खंडपीठ ने 27 सितंबर 2012 को महत्वपूर्ण आदेश दिए थे जिनमें स्पष्ट रूप से जलग्रहण क्षेत्र में किसी भी तरह के कब्जों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश शामिल थे।

कोर्ट ने कहा कि किसी भी परिस्थिति या किसी भी कार्यकारी आदेश की आड़ में कोई भी व्यक्ति खंडपीठ के आदेश का उल्लंघन नहीं कर सकता। याचिकाकर्ता द्वारा लिया गया लाइसेंस आदि उसे फतहसागर झील के प्रतिबंधित जलग्रहण क्षेत्र पाल पर रेस्टोरेंट संचालित करने का कोई अधिकार नहीं देता है। कोर्ट ने निर्देश दिए कि फतहसागर झील के महत्वपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सरकारी एजेंसियों को तत्काल कार्रवाई करनी जरूरी है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।—

झील किनारे करोड़ों की जमीन सरकारी, अतिक्रमण भी हटाने के दिए निर्देश

राजस्थान हाइकोर्ट ने झीलों की नगरी में फतहसागर झील किनारे करोड़ों की बेेशकीमती जमीन व भराव क्षेत्र में अतिक्रमण के मामले में दो महत्वपूर्ण फैसले दिए। कोर्ट ने बेशकीमती जमीन को सरकारी मानते हुए भूमिदलालों को बड़ा झटका दिया वहीं फतहसागर जलग्रहण क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं के निर्देश दिए। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह कीमती सरकारी भूमि की रक्षा करे और यह भी सुनिश्चित करे कि झीलों और जल निकायों के आसपास के क्षेत्र किसी भी तरह के अतिक्रमण से मुक्त रहे।
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